बरेली: झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से नवजात की मौत, पीड़ित ने की सीएमओ से शिकायत 

Amrit Vichar Network
Published By Ashpreet
On

बरेली, अमृत विचार। एक युवक की पत्नी की नार्मल डिलीवरी कराने के नाम पर डॉक्टर ने 6 घंटे तक उसे गुमराह रखा। बाद में केस खराब होने पर महिला को दूसरे हॉस्पिटल में भेज दिया जहां बच्चा सिरियस पैदा हुआ।

नवजात को दो दिन तक वेंटिलेटर में रखा गया। लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। आज युवक ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर की शिकायत सीएमओ से की है। थाना फतेहगंज पश्चिमी के कुम्हारो वाला चौक निवासी सूरज पुत्र प्रताप सिंह ने बताया उसकी  पत्नी राखी गर्भवती थी। उसने अपनी पत्नी को 6 अगस्त की रात को प्रसव पीड़ा होने पर रेलवे स्टेशन फतेहगंज के पास ले अस्पताल ले गया।

वहाँ के डॉक्टर ने देखकर कहा कि तूम अपनी पत्नी को सुबह 6 बजे लेकर आना मैं नार्मल डिलीवरी कर दूंगा। तब वह अपनी पत्नी राखी को लेकर सुबह 6 बजे अस्पताल पहुँचा और डॉक्टर ने अपने अस्पताल में भर्ती कर लिया।

बच्चे को कई बार जबरदस्ती पैदा करने की कोशिश की और गलत इंजेक्शन लगा दिये। उसने डॉक्टर से कहा कि मेरी पत्नी को यहाँ से रेफर कर दो वह अपनी पत्नी राखी को दूसरे अस्पताल में दिखा देगा। लेकिन डॉक्टर ने उसकी एक न सुनी और कहा कि मैं तुम्हारी बीबी की कोई पहली डिलीवरी नहीं कर रहा हूँ।

इससे पहले भी मैने कई सारी डिलीवरी की है। जो मुझसे तुम अपनी पत्नी को रेफर कराने के लिए कह रहे हो। कुछ समय बाद उसकी  पत्नी राखी की हालत बहुत ज्यादा बिगड़ने लगी तब डॉक्टर ने उसे दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया। डॉक्टर ने उसकी पत्नी का  ऑपरेशन कर दिया। उसकी पत्नी ने जिस बच्चों को जन्म दिया बहुत कमजोर था। डॉक्टर ने तुरंत ऑक्सीजन लगाकर बच्चों को बरेली एक निजी अस्पताल में भेज दिया जहां 2 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद बच्चे की मौत हो गई।

इस दौरान उसे पता लगा कि जहां पर उसने पहले अपनी पत्नी को दिखाया था। उस डॉक्टर की लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है। पीड़ित ने थाने में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी। तो पता चला इस नाम का कोई हॉस्पिटल ही नहीं है। आज सूरज ने सीएमओ को ज्ञापन देकर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

ये भी पढ़ें- चांद पर उतरने और इतिहास रचने को चंद्रयान-3 तैयार, जानें क्यों रखी गई लैंडिंग की '23 तारीख'?, ये है वजह

संबंधित समाचार