बरेली: कुछ तो गड़बड़ है... कैश बॉक्स में पहले लाखों थे, अब घटना ही नकार रहे
बरेली/फरीदपुर, अमृत विचार। फरीदपुर रजिस्ट्री कार्यालय से तीन लाख रुपयों से भरा बॉक्स चोरी होने की घटना को ही अब अफसर और कर्मचारी नकारने लगे हैं। घटना के दूसरे दिन भी तहरीर न देने से इस मामले में तमाम सवाल उठने लगे हैं। हालांकि बुधवार को कार्यवाहक थाना प्रभारी सत्यसिंह खुद तहरीर लेने पहुंचे मगर किसी भी अफसर या कर्मचारी ने नहीं दी।
उप निबंधक अधिकारी करुणेश वर्मा ने बरेली से पहुंचे एआईजी स्टांप एसके मिश्रा को भी गुमराह कर दिया और लूट की घटना को सिरे से ही नकार दिया, जबकि मंगलवार शाम उन्होंने ही सीओ फरीदपुर गौरव कुमार और एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल को 3.5 लाख रुपये चोरी होने की सूचना दी थी।
साथ ही अधिकारियों को सीसीटीवी फुटेज दिखाते हुए बताया था कि उप निबंधक कार्यालय के बाहर एक अधिवक्ता के बिस्तर पर बैठकर चोर ने रेकी कर घटना को अंजाम दिया। चोरों की संख्या तीन और फरार होने में इस्तेमाल कार का रंग सफेद बताया गया। उप निबंधक करुणेश वर्मा के चालक ने चोरों को भागते हुए भी देखा था। उसने चोरों को पीछा भी किया था मगर वे शाहजहांपुर की ओर कार दौड़ा ले गए।
प्राइवेट बाबू रखने का खुलासा होने पर तो नहीं घुमाई जा रही कहानी
सूत्रों के मुताबिक रजिस्ट्री कार्यालय में गैरकानूनी तरीके से प्राइवेट बाबू रखा गया है, जो रजिस्ट्री कार्यालय का पूरा काम देखता है। साथ ही नकदी का भी हिसाब वही रखता है। यही वजह है कि रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी रिपोर्ट दर्ज कराने से बच रहे हैं। अगर रिपोर्ट दर्ज हुई तो पुलिस पूरे मामले की विवेचना करेगी, जिसमें प्राइवेट बाबू को भी शामिल किया जाएगा। प्राइवेट बाबू को किस नियम के तहत रखा गया है विवेचना में यह भी शामिल किया जाएगा।
जिसमें रजिस्ट्री ऑफिस के अधिकारियों की गर्दन भी फंस सकती है। प्राइवेट बाबू का वेतन कहां से निकल रहा था, इन सभी सवालों से बचने के लिए भी तहरीर नहीं दी जा रही है और मामले को झूठा साबित करने में सब जुट गए हैं। लोगों से रजिस्ट्री के दौरान रुपये वसूलने के लिए भी निजी कर्मचारी लगाए गए हैं। जमीन की रजिस्ट्री के दौरान दो प्रतिशत शुल्क वसूला जाता है, जबकि एक प्रतिशत सरकारी शुल्क है। बाकी एक प्रतिशत शुल्क की कार्यालय के स्टाफ में प्रतिदिन बंदरबांट होती है।
अंदेशा: स्टांप शुल्क से ज्यादा नकदी होने पर भी बच रहे अफसर
रजिस्ट्री ऑफिस से कैश की पेटी चोरी होने के मामले में इस बात का भी अंदेशा लगाया जा रहा है कि बॉक्स में स्टांप शुल्क से ज्यादा नकदी हो सकती है क्योंकि स्टाफ रजिस्ट्री कराने आने वाले लोगों से नियम विरुद्ध दो प्रतिशत शुल्क वसूलता है।
ऐसे में अगर पुलिस चोरों को पकड़कर बॉक्स बरामद कर लेती है तो उसमें शुल्क से ज्यादा नकदी मिलने पर भी कार्यालय में चल रहे वसूली का खेल भी खुल सकता है। यही वजह है कि मामले में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई जा रही है। कहा तो यह तक जा रहा है कि घटना पर पर्दा डालने के लिए कर्मचारियों ने अपने पास से स्टांप शुल्क कोषागार में जमा कर दिया है।
उप निबंधक भी बात करने से बचते रहे
उप निबंधक कार्यालय में मंगलवार शाम लूट या चोरी इसका खुलासा होना बाकी है मगर अफसरों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। बुधवार को उप निबंधक करुणेश वर्मा भी मीडिया के सवालों से बचने रहे। कई बार उनसे घटना को लेकर बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने किसी से बात नहीं की। अफसरों का घटना को सिरे से नकारना और एफआईआर दर्ज न कराना भी कार्यालय में चल रहे किसी बड़े खेल को दबाने की ओर इशारा कर रहे हैं। जबकि सीसीटीवी फुटेज में चोर कैश बॉक्स लेकर जाते साफ दिखाई दे रहा है।
हमारे यहां किसी तरह की कोई लूट नहीं हुई है। गलत सूचना मिलने पर एआईजी स्टांप आए थे। जब लूट की कोई घटना ही नहीं हुई तो कार्रवाई और जांच भी क्या करते। - करुणेश वर्मा, उप निबंधक अधिकारी फरीदपुर
सब रजिस्ट्रार ऑफिस से तीन लाख मामले में अभी तक कोई तहरीर नहीं दी गई है। पुलिस जांच कर रही है। कैश बॉक्स ले जाने वाले चोर और उसके साथियों की तलाश पुलिस कर रही है। - सत्य सिंह, कार्यवाहक थाना प्रभारी
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