मुरादाबाद : जिले में बढ़ रहे डेंगू के मरीज, अब तक 33 में पुष्टि
महानगर के अति जोखिम क्षेत्र में न फागिंग, न एंटी लार्वा का छिड़काव, बीजना गांव में मिल चुके हैं 23 डेंगू के मरीज, स्वास्थ्यकर्मी का चल रहा इलाज, जिला अस्पताल के अलावा निजी पैथॉलाजी में भी डेंगू, मलेरिया की जांच के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे मरीज
मुरादाबाद, अमृत विचार। जिले में डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं। अब तक 33 रोगियों की जांच में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। इसमें जिला अस्पताल का एक कर्मचारी भी शामिल है। जिसका अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में इलाज चल रहा है। डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद भी महानगर के अति जोखिम क्षेत्र (हाईरिस्क एरिया) में न फागिंग हुई है और न एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। इससे रोगियों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी है।
हर साल डेंगू मरीजों की संख्या और इससे हुई मौत के बाद भी स्वास्थ्य और अन्य विभाग संवेदनशील नहीं हैं। डेंगू मलेरिया को लेकर न तो जागरूकता के उपाय किए गए और न ही मच्छरों पर अंकुश के लिए प्रभावित क्षेत्रों में फागिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की बात दूर है नगर निगम क्षेत्र के अति जोखिम क्षेत्र नवाबपुरा, जामा मस्जिद, फकीरपुरा, बंगला गांव, कटघर, आशियाना, रामगंगा विहार आदि मोहल्लों में न तो मच्छरों से बचने के लिए फागिंग नगर निगम की ओर से कराई जा रही है और न स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंटी लार्वा का छिड़काव ही प्रभावी रूप से अब तक हुआ। कागजी कार्यवाही दिखाकर चिकित्साधिकारी अपनी ड्यूटी बजा रहे हैं।
पिछले महीने संचारी रोग नियंत्रण अभियान में भी महानगर की कॉलोनियों में आशा कर्मी घर-घर नहीं पहुंची। जिसका असर यह है कि वायरल बुखार, डायरिया, उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ गई। अब बुखार और डेंगू के रोगी हर दिन सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। पैथॉलाजी में जांच के लिए मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। जिला अस्पताल में हर दिन 200 से अधिक बुखार के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जिनकी रक्त जांच कराने का परामर्श चिकित्सक दे रहे हैं। अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ. संगीता गुप्ता का कहना है कि इन दिनों बुखार के मरीजों की संख्या ओपीडी और वार्ड में अधिक है। बीजना गांव में 23 डेंगू के मरीजों के साथ ही अब तक कुल 33 मरीजों की एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन, इसके बाद भी अभी न तो स्वास्थ्य विभाग और न नगर निगम और न निकायों के अधिकारी-कर्मचारी गंभीरता दिखा रहे हैं।
डेंगू से बचाव को यह बरतें सावधानी
जिला मलेरिया अधिकारी पीएन यादव का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए अपने आसपास पानी न जमा होने दें। फ्रिज की आइस ट्रे को खाली रखें, कूलर का पानी नियमित बदलें, छतों पर गमले, पुराने टायर और खाली बर्तन आदि को हटा दें जिससे बारिश का पानी न जमा होने पाए। एडीज मच्छर के लार्वा साफ पानी में पनपते हैं। उप मुख्य चिकित्साधिकारी और वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव बेलवाल का कहना है कि नगर निगम क्षेत्र में रोस्टर के अनुसार फागिंग कराई जा रही है। जहां शिकायत मिल रही है वहां टीम भेजकर इसकी निगरानी भी करा रहे हैं। मलेरिया निरीक्षकों और फील्ड कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र में सक्रिय रहने का निर्देश दिया है। नगर निगम के सफाई निरीक्षकों को भी अपने क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पर विशेष नजर रखने को कहा है।
डेंगू के लक्षण
जिला मलेरिया अधिकारी का कहना है कि डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर पर लाल चकत्ते और मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द शामिल है। गंभीर स्थिति में रक्तस्राव और सदमे की स्थिति हो सकती है। आंखों के पिछले हिस्से, जोड़, पीठ, पेट, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द अधिक होता है। ठंड लगना, थकान, बुखार और भूख न लगना, उल्टी आने की भी स्थिति होती है।
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