हल्द्वानी: नए आरटीओ परिसर का डिजाइन  तैयार, जल्द बनेगी डीपीआर

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Published By Bhupesh Kanaujia
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पवन नेगी, हल्द्वानी, अमृत विचार। गौलापार में बनने वाले नए आरटीओ परिसर का डिजाइन बनकर तैयार हो गया है। नया आरटीओ परिसर कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यहां परिवहन विभाग की 8 हेक्टेयर जमीन है जिसमें आधुनिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल, ऑक्शन यार्ड सहित कई अन्य सुविधाएं से लैस आरटीओ परिसर बनेगा।

आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि डिजायन बनकर तैयार हो गया है अब डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। डीपीआर बनने के बाद स्वीकृति के लिए शासन भेजी जाएगी।  बता दें कि पूर्व में विभाग के वर्तमान कार्यालय के पास ही ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक और ट्रेनिंग स्कूल बनाने की योजना थी।

लेकिन जगह का अभाव होने के कारण इसमें बदलाव किया गया।  वर्तमान में आरटीओ कार्यालय परिसर की पार्किंग में ही ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता है। कम जगह होने के कारण इसमें लाइसेंस बनवाने वालों के साथ ही टेस्ट लेने वाले आरआई को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनने के बाद इन दिक्कतों से निजात मिलेगी। 

देहरादून की तर्ज पर बनेगा सेंसर युक्त ट्रैक
आरटीओ कार्यालय के आधुनिकीकरण में आधुनिक तकनीक से लैस ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाया जाएगा। इसमें देहरादून की तर्ज पर सेंसर युक्त ट्रैक बनाया जाएगा। इसमें टेस्ट के लिए 7 प्रमुख बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इन बिंदुओं पर गलती करने पर टेस्ट देने वाला व्यक्ति ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो जाएगा। यह ट्रैक एलगोरिद्म पर आधारित होगा जिसमें कुल 17 बिंदुओं पर टेस्ट देने वाले को परखा जाएगा। 


ड्राइविंग स्कूल में होगा 15 हजार वर्गमीटर का ट्रैक
गौलापार में बनने वाले आरटीओ परिसर में 2500 वर्गमीटर में आरटीओ कार्यालय बनेगा, 4400 वर्ग मीटर में ड्राइविंग ट्रैक बनेगा जिसमें 4 हजार वर्ग मीटर चौपहिया वाहन और 400 वर्ग मीटर दोपहिया वाहनों के लिए होगा। ड्राइविंग ट्रैक में ही टेस्ट भी लिया जाएगा। ड्राइविंग स्कूल में 15 हजार वर्गमीटर का ट्रैक होगा। साथ ही 2500 वर्गमीटर में ड्राइविंग स्कूल बनेगा जिसमें 1500 वर्गमीटर में हॉस्टल जबकि 1 हजार वर्गमीटर में एकेडमिक और एडमिन्स्ट्रेशन ब्लॉक बनेगा। पुराने सीज वाहनों की नीलामी के लिए 2 हजार वर्गमीटर में ऑक्शन यार्ड बनाया जाएगा।


नया आरटीओ कार्यालय में अधिकांश कार्य डिजिटल तरीके से होंगे। जिससे लोगों के साथ ही विभाग के कर्मचारियों को भी काम करने में आसानी होगी।  इसमें ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, चालान और टैक्स जमा करने के लिए बने केबिन के बाहर डिस्पले बोर्ड लगेगा। जिसमें लोग अपने सीरियल के अनुसार काम कराएंगे।
- संदीप सैनी, आरटीओ, 

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