मुरादाबाद : बच्चों की खरीद-फरोख्त करने वाली चार महिला समेत छह गिरफ्तार

Amrit Vichar Network
Published By Priya
On

सफलता- गिरफ्तार आरोपी सिविल लाइन थाना क्षेत्र के हैं, काफी समय से कर रहे थे बच्चों की तस्करी, हमदर्दी दिखाकर गोद लेने का झांसा देकर खरीद लेती थीं बच्चे

मुरादाबाद, अमृत विचार। मैनाठेर थाना पुलिस ने शुक्रवार को बच्चा तस्कर गिरोह का खुलासा किया है। चार महिलाओं समेत छह अभियुक्तों को गिरफ्तार भी कर लिया है। इनके कब्जे से पांच दिन का नवजात शिशु भी बरामद हुआ है।

एसएसपी हेमराज मीना ने बताया, पुलिस ने राधा गोविन्द कालेज चंदौसी रोड पर स्थित आम के बाग के पास से अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। इसमें चार महिलाएं और दो पुरुष भी हैं। इनमें शबनम और उसका पति मोहम्मद यूनुस बढ़ई, गीता रानी सैनी, नीतू और साजिया व गौरव कुमार हैं। इसमें गीता अविवाहित हैं। सभी लाेग सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं। 

शबनम और उसका पति विश्वास दूध डेरी के पास हिमगिरी काॅलोनी में रहते हैं। गीता चंद्रनगर की है। नीतू पत्नी अश्वनी हरथला में समाज कल्याण कार्यालय के सामने रहती है, जबकि साजिया पुत्री लाड़ले पठान कांशीराम कालोनी की है। अभियुक्त गौरव आदर्श कॉलोनी में शिव मंदिर के पास का रहने वाला है। थाना मैनाठेर में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम-2015 व अन्य आइपीसी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। कार्रवाई में दरोगा उम्मेद सिंह पोसवाल, कामिनी, कांस्टेबल मोहम्मद नासिर, राजकुमार, धीरज सिंह, गौरव कुमार, शैलेंद्र कुमार व बबिता शामिल रहे हैं।

10-20 हजार में खरीदकर ढाई-तीन लाख रुपये में बेचती थीं
एसएसपी ने बताया कि पांच दिन का नवजात शिशु भी बरामद हुआ है। पता चला है कि ये लोग अक्सर ऐसे परिवार जिन्हें बच्चों की जरूरत नहीं होती थी, को तलाश कर उनसे सौदा कर लेते थे। जरूरतमंदों के बीच उन बच्चों की बिक्री करते थे। बिलारी थाना क्षेत्र में पांच दिन के बच्चे को गीता ने प्राप्त कर शबनम को दिया। शबनम ने अन्य लाेगों को दिया था। इनकी साथी मुंबई की रहने वाली दीपमाला है। 

दीपमाला ग्राहकों को तलाशने में सक्रिय रहती थी। पता चला है कि ये महिलाएं 10-20 हजार रुपये में बच्चों की खरीदारी कर लेती थीं और फिर एक से तीन लाख रुपये तक बच्चों की बिक्री का साैदा कर लेते थे। अब तक करीब छह बच्चों की खरीद-बिक्री कर चुके हैं। सभी बच्चे अधिक छह माह तक की आयु वाले रहे हैं। चूंकि नवजात शिशुओं के जन्म से तीन-चार महीने में उनके चेहरे में काफी बदलाव आ जाता है। चोरी वाले बच्चों को भी कोई पहचान न सके इसलिए ऐसे छोटे बच्चे ये लोग चुराती हैं और उन बच्चों को बेचने में इन्हें कोई दिक्कत नहीं होती थी।

ढाई लाख रुपये में बिक चुकी थी बालिका
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया है कि वह लोग क्षेत्र में घूम-घूम कर ऐसा गरीब परिवार तलाश करते हैं, जिनके पहले से कई बच्चे होते हैं या उनकी स्थिति बच्चों के लालन-पालन की नहीं होती है। उनको बहला-फुसलाकर बच्चे को गोद लेने का झांसा देकर उसे खरीद लेते हैं। बरामद नवजात के बारे में बताया कि ये शिशु (बालिका) भी इन लोगों ने बिलारी थाना क्षेत्र के एक परिवार से गोद लेने का झांसा देकर लिया है। इस शिशु का उन लोगों ने दिल्ली में 2.50 लाख रुपये में सौदा तय किया है। इसमें 30,000 रुपये एडवांस में मिल चुके हैं। शेष धनराशि देने और शिशु को ले जाने के लिए दिल्ली की पार्टी आज (शुक्रवार) को आने वाली थी। इससे पहले भी इन लोगों ने बच्चों को अलग-अलग शहरों में बेचने की बात बताई है।

दीपमाला की भी हुई पहचान, पकड़ने की तैयारी
एसएसपी ने बताया कि जो लोग इस तरह के गैंग से या अन्य गलत तरीकों से बच्चों को गोद ले रहे हैं, वह अवैध है। जरूरतमंद को महिला एवं बाल कल्याण विभाग की योजना के तहत बच्चों को गोद लेना चाहिए। जानकारी मिली है कि इन लोगों द्वारा अभी तक एक-एक बच्चा आगरा व कोलकाता में बेचा गया है। इनकी एक साथी मुंबई में रहने वाली दीपमाला है उसकी भी पहचान हो गई है। इसको भी नामजद किया जा रहा है। उसकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।

ये भी पढ़ें:- भाजपा सरकार ने तीन गुना बढ़ा दी सिलेंडर पर महंगाई : बेगम नूरबानो

संबंधित समाचार