बरेली: अब ग्रामीण इलाकों के तंग रास्तों पर अटकी औद्योगिकीकरण और रोजगार की मुहिम

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण के जरिए हजारों करोड़ के निवेश के साथ युवाओं रोजगार देने की मुहिम अब इकाइयां लगाने के लिए प्रस्तावित ग्रामीण इलाकों के तंग रास्तों पर अटक गई है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में एमओयू साइन करने वाले तमाम नए निवेशकों को इस वजह से सरकारी विभागों से एनओसी नहीं मिल पा रही है। बीडीए भी मानकों के हिसाब से कम चौड़े रास्तों पर प्रस्तावित इकाइयों का नक्शा मंजूर करने को तैयार नहीं है।

इन्वेस्टर समिट में एमओयू साइन करने वाले ऐसे निवेशकों की संख्या अच्छी-खासी है जिनके प्रस्ताव ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के थे। ये इकाइयां सैकड़ों करोड़ की लागत से स्थापित होनी थीं, लेकिन अफसरों की ओर से पहले अलर्ट न किए जाने की वजह से उनके प्रस्तावों पर अब कई तरह की आपत्तियां लगनी शुरू हो गई हैं। दरअसल, तमाम इकाइयां ग्रामीण इलाकों में ऐसी जगह प्रस्तावित हैं जिनकी सड़कों की चौड़ाई छह से नौ मीटर ही है, जबकि अग्निशमन सुरक्षा विभाग से एनओसी के लिए सड़क का कम से कम 12 मीटर चौड़ा होना अनिवार्य है।

इस समस्या ने नए निवेशकों के सामने एक नई उलझन पैदा कर दी है। अग्निशमन विभाग की एनओसी लेने के साथ बीडीए से नक्शा स्वीकृत कराने में दिक्कत सामने आ रही है। बता दें कि जिले में अब तक 578 इकाइयां लगाकर 42 हजार करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। इनमें करीब 25 प्रतिशत इकाइयां ग्रामीण इलाकों में लगने की बात कही जा रही है। जिला उद्योग बंधु की कई बैठकों में उद्यमी नए निवेशकों की ये समस्या उठा चुके हैं।

एनओसी नहीं इसलिए बैंक भी लोन मंजूर करने को नहीं भर रहे हैं हामी
डीएम शिवाकांत द्विवेदी की अध्यक्षता में 23 अगस्त को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई उद्योग बंधु की बैठक में भी उद्यमियों तंग सड़कों का मामला उठाया था। कहा था कि पहले भी नए निवेशकों की तहसील, बीडीए, अग्नि सुरक्षा विभाग से संबंधित समस्याएं बताई जा चुकी हैं। ग्रामीण इलाकों में अधिकांश सड़कें 12 मीटर से कम चौड़ी हैं। इन पर बड़ी संख्या में निवेशकों के औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के प्रस्ताव हैं। बैंकों से लोन, बीमा आदि के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र अनिवार्य है, लेकिन इसके लिए कम से कम 12 मीटर चौड़ी रोड होनी जरूरी है। उद्यमियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित इकाइयों और एमएसएमई ( लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम) के लिए नीतिगत परिवर्तन कर छह मीटर चौड़ी सड़क पर अग्निसुरक्षा प्रमाणपत्र जारी कराने की मांग रखी थी।

आईआईए के अध्यक्ष तैयार कर रहे ग्रामीण क्षेत्रों की इकाइयों की सूची
डीएम ने आईआईए के चेप्टर चेयरमैन तनुज भसीन को अग्नि सुरक्षा और विकास शुल्क के लिए कवर्ड एरिया के मानकों संबंधी नीतिगत समस्या से प्रभावित इकाइयों और उनके प्रस्तावित निवेश का पूरा विवरण तैयार कराने को कहा था। तनुज भसीन ने बताया कि संगठन के कई लोगों की मदद से वह ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित इकाइयों के बारे में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। जल्द ही प्रशासन को सूची उपलब्ध करा दी जाएगी।

नियम बदलेंगे तभी लगेंगे उद्योग
उद्योग बंधु की कई बैठकों में ग्रामीण इलाकों की सड़कों को चौड़ा करने या फायर एनओसी के नियम बदलने की मांग की जा चुकी है। हाल ही में परसाखेड़ा आए डीजी फायर अविनाश चंद्र से के सामने भी उद्यमियों ने ये मामला उठाया था। उन्होंने आठ-नौ मीटर चौड़ी सड़क पर फायर एनओसी जारी करने के लिए नियम बदलने का प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कहते हुए जल्द नियमों में बदलाव होने का आश्वासन दिया है। - तनुज भसीन, चेप्टर चेयरमैन, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन

ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में निवेश की घोषणा करने वाले तमाम निवेशक ग्रामीण इलाकों से हैं, जिन्हें इकाइयां लगाने में दिक्कतें आ रही हैं। देहात की सड़कों के कम चौड़ाई हाेने से वे इकाइयां नहीं लगा पा रहे हैं। उन्हें फायर एनओसी, बैंकों से लोन जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पिछली बैठक में भी यह मामला उठा था। प्रशासन अगर इस समस्या का समाधान करा दे तो ग्रामीण इलाकों में उद्योग लगना शुरू हो जाएंगे। - राजेश गुप्ता, अध्यक्ष, सेंट्रल यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सोसायटी

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