लखनऊ : आरटीओ जाने वाले कर लें इंतजार, नहीं तो घुटनों तक पानी में गुजरना पड़ेगा

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। परिवहन विभाग के ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय में घुटनों तक बारिश का पानी भर गया है। रविवार देर रात्रि से हुआ जलभराव सोमवार शाम तक जस का तस रहा । पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से यहां कार्य कराने आने वाले आवेदकों को भारी कठिनाईयों का सामना कराना पड़ा । गाड़ी ट्रांसफर कराने आयी दो महिलाएं पानी में गिरकर चोटिल हो गई । ऐसे में अगर आप वाहन संबंधित या फिर डीएल बनवाने के कार्य से संभागीय परिवहन कार्यालय जा रहे हैं तो थोड़ा इंतजार कर लें। वर्ना घुटनों तक भरे पानी से होकर आपको गुजरना पड़ेगा।

वजह यह है कि सड़क ऊंची होने से आरटीओ कार्यालय एक कटोरे के रूप में तब्दील हो जाता है। परिसर में जलभराव जमा हो जाता है। ऐसा नहीं कि प्रयास नहीं हुए हैं, पानी परिसर में न जमा होने पाए इसके लिए परिसर में चार सोख्ता बनाए गए। दो पुराने हैं और दो नए। नए वाले तो काम कर रहे हैं लेकिन पुराने वाले सोख्ता पानी पूरी तरह से फिल्टर नहीं कर पा रहे हैं। सोख्ता अब पानी कम पैसा ज्यादा सोख रहे हैं। अब तक इस समस्या का स्थाई हल नहीं निकल सका है। यहां पर जलभराव की समस्या से निपटने के लिए परिसर में दो बड़े सोख्ता बनाए गए। बीते वर्षो में 32 लाख 42 हजार रुपये खर्च हुए। अधिकारियों के मुताबिक इन दोनों सोखता से पानी परिसर से कम होने लगा। लेकिन पुराने बने दो सोख्ता अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं। इनकी सफाई करा किसी तरह काम चलाया जा रहा है। कुछ दिन तो इस समस्या से राहत मिली लेकिन अब फिर से परिसर में पानी भरना शुरू हो गया। इस बार भवन के अनुरक्षण काम समेत परिसर में नया निर्माण काम के लिए तो बजट खर्च किया गया लेकिन यहां कार्य कराने आने वाले आवेदकों की समस्याओं को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती गयी ।

चार साल पहले परिसर में बर्बाद हुईं थीं सैकड़ों फाइलें

चार साल पहले देर रात हुई बरसात का पानी आरटीओ कार्यालय के कमरों में भर गया था। सुबह जब अधिकारी कार्यालय पहुंचे तो नजारा देख अफसरों के होश उड़ गए थे। कमरों में पंजीयन संबंधित सारी फाइलें खराब हो चुकी थीं। बाद में इन्हें सुखाया गया।

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