इलाहाबाद हाईकोर्ट: खनन माफिया हाजी इकबाल के खिलाफ जारी कुर्की आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

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Published By Deepak Mishra
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प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहारनपुर के गैंगस्टर और खनन माफिया पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के खिलाफ जारी कुर्की आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की एकलपीठ ने हाजी इकबाल उर्फ बाला द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। मौजूदा याचिका विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए) द्वारा दिनांक 13.4.2023 को पारित आदेश के खिलाफ एक तनसीफ द्वारा दाखिल की गई। 

मालूम हो कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, सहारनपुर द्वारा गैंगस्टर एक्ट के तहत याची को सीआरपीसी की धारा 82 के अंतर्गत भगोड़ा घोषित किया गया था। सहारनपुर के थाना मिर्जापुर में गैंगस्टर एक्ट की धारा 2/3 के तहत याची हाजी इकबाल और 6 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि अभियुक्त एक गिरोह चलाता है। बाकी अन्य सह अभियुक्त हैं।

गिरोह के सदस्य अनुचित,अस्थाई आर्थिक लाभ के लिए धमकी, अपराधिक कृत्य,अवैध खनन, वन उपज की तस्करी, संपत्ति पर अवैध कब्जा और अन्य सामाजिक गतिविधियों में संलिप्त हैं। जांच के बाद छह अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया, लेकिन याची के खिलाफ जांच लंबित है, क्योंकि वह फरार था। फरार होने के कारण उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया, लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया। इसके बाद उसे भगोड़ा साबित कर दिया गया।

इसके खिलाफ अभियुक्त के पावर ऑफ़ अटॉर्नी धारक तनसीफ के माध्यम से वर्तमान याचिका दाखिल करवाई गई, जिस पर सरकारी अधिवक्ता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हलफनामे में कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है कि आरोपी याचिका दाखिल क्यों नहीं कर सकता। हालांकि आरोपी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची देश से बाहर रह रहा है, इसलिए उसका विधिवत नियुक्त वकील आवेदन दाखिल कर सकता है।

अंत में सभी तर्कों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि पावर ऑफ़ अटॉर्नी में कोई स्पष्ट कारण दर्ज नहीं किया गया है और ना ही यह स्पष्ट किया गया है कि याची ने भारत कब छोड़ा या वह किस देश में रह रहा है। अतः जिन आधारों पर आरोपी के अधिवक्ता ने आवेदन दाखिल किया है, वह टिकाऊ नहीं है और ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी अदालत के साथ लुका-छुपी का खेल खेल रहा है। ऐसी स्थिति में कोर्ट ने याचिका को पोषणीय न मानते हुए खारिज कर दिया।

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