अयोध्या : राम मंदिर ट्रस्ट पर जमीन कब्जाने का आरोप
हनुमानगढ़ी के संतों ने मौके पर डाला डेरा, किया विरोध-प्रदर्शन
अयोध्या, अमृत विचार। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में क्रॉसिंग -3 गेट के पास राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा अंगद टीला की ओर दरवाजा खोलने का प्रयास किया गया तो हनुमानगढ़ी के संतों ने शुक्रवार को इसका विरोध कर दिया। उनका दावा है कि अंगद टीला हनुमानगढ़ी अखाड़े की जमीन पर स्थित है। मौके पर बड़ी संख्या में नागा साधुओं ने डेरा डाल दिया है। खबर लिखे जाने तक मामले में राम मंदिर ट्रस्ट ने अपना पक्ष नहीं रखा है।
पूर्व अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी व संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत संजय दास ने बताया कि अंगद टीला की जमीन हरिद्वारी पट्टी के महंत मुरली दास के स्वामित्व में आती है। 13वीं सदी से इस पर हनुमानगढ़ी का स्वामित्व है। 1320 फसली में महंत रामनारायण दास के स्वामित्व में यह था, तब यह जमीन नजूल में नहीं थी। इसके बाद गोकुल दास, जयकरन दास, रामनेवाज दास सहित अन्य महंत हुए तब भी यह जमीन नजूल में नहीं थी। जब से हरिद्वारी पट्टी के महंत मुरलीदास हुए हैं इस जमीन को कुचक्र रचकर नजूल की बताया जाना लगा है। कहा कि जबरन जमीन लेने की कोशिश की गयी तो हनुमानगढ़ी अखाड़ा शांत नहीं बैठेगा।
वहीं हरिद्वारी पट्टी के महंत मुरलीदास का आरोप है कि ट्रस्ट द्वारा लगातार उन पर जमीन लेने का दवाब बनाया जा रहा है। प्रशासन भी इनके साथ मिला हुआ है। अंगद टीला पर हनुमान जी की मूर्ति व अंगद की मूर्ति स्थापित है। पूजा-अर्चना की जाती है। यह पौराणिक धरोहर है। कहा कि राम पथ, भक्ति पथ व जन्मभूमि पथ चौड़ीकरण के दौरान करीब 25 से अधिक साधु बेघर हुए है। उन्हें इन जमीनों पर बसाया जाएगा। विरोध के दौरान पुजारी हेमंत दास, मामा दास, महंत रामकृष्ण दास, डॉ़ देवेशाचार्य, हनुमानगढ़ी के सरपंच राजेश पहलवान, रमेश दास, अवधेश दास, बलराम दास, सत्यदेव दास, अनुरुद्ध पहलवान, मनीराम पहलवान, उपेंद्र दास, डॉक्टर महेश दास, अभिषेक दास आदि मौजूद रहे।
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