
बरेली: मेडिकल और कृषि संकाय खोलने के लिए एक कदम और बढ़े
बरेली, अमृत विचार। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में मेडिकल और कृषि संकाय खोलने की विद्या परिषद से भी सहमति बन गई है। नई शिक्षा नीति के तहत अब देश या विदेश में पढ़ने वाले छात्र स्नातक से लेकर पीएचडी तक के पाठ्यक्रम में क्रेडिट सिस्टम के तहत प्रवेश ले सकेंगे।
नैक में बेहतर रैंक की वजह से ऑनलाइन कोर्स भी शुरू करने पर सहमति बन गई है। कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को रुहेलखंड इन्कुबेशन फाउंडेशन में हई विद्या परिषद की बैठक में कई प्रस्ताव पास हुए।
बैठक में पिछले साल नवंबर में हुई बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि की गई। शासन के आदेश के अनुसार विभिन्न संकायों में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों को समानता के आधार पर विषय वर्गीकरण के प्रस्ताव के अनुमोदन पर विचार किया गया।
स्नातक तीन और चार वर्षीय, परास्नातक एकल विषय के संशोधित पाठ्यक्रम संरचना एवं क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुरूप पाठ्यक्रमों को संशोधित किया जाएगा। यूजीसी के निर्देशों के अनुसार ऐसे उच्च शिक्षण संस्थान जिनको नैक द्वारा 3.26 और उससे अधिक का स्कोर प्राप्त हो, यूजीसी की पूर्व अनुमति के बिना और यूजीसी को सूचित करते हुए पूर्ण ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू कर सकते हैं। विश्वविद्यालय जल्द ही पूर्ण ऑनलाइन कार्यक्रम शुरू करेगा।
विश्वविद्यालय परिसर में 11 सितंबर को कार्य परिषद की बैठक में कृषि संकाय, एमएससी और पीएचडी इन बॉयो इंफारमेटिक्स एंड कंप्यूटेशनल बॉयोलॉजी और मेडिकल संकाय खोलने पर सहमति बनी थी।
विद्या परिषद की बैठक में भी इस पर सहमति बन गई है। बैठक में कुलसचिव अजय कृष्ण यादव, प्रो. एसके पांडेय, परीक्षा नियंत्रक संजीव कुमार, प्रो. श्याम बिहारी लाल, डॉ. अमित सिंह, प्रो. ओपी राय समेत सभी संकायाध्यक्ष और कॉलेजों के प्राचार्य मौजूद रहे।
अब बीटेक की सीटें भी ट्रांसफर हो सकेंगी
नियामक संस्थाओं का ऑनलाइन पोर्टल पहले बंद हो जाने से कई सीटें रिक्त रह जाती हैं। नियामक संस्थाओं एआईसीटीई, बीसीआई, पीसीआई, एनसीटीई को विश्वविद्यालय को यह अनुमति दी जाए कि वह अपनी सीटों की कुल संख्या को स्थिर रखते हुए किसी अन्य ब्रांच में स्थानांतरित कर सकें।
इसके लिए पत्र लिखा जाएगा, इससे बीटेक जैसे पाठ्यक्रमों की सीटें ट्रांसफर हो सकेंगी। विश्वविद्यालय परिसर में बीटेक इलेक्ट्रानिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटशंस इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम का नाम अब बीटेक इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग होगा। इसका एआईसीटीई से अनुमोदन प्राप्त हो चुका है।
इन प्रस्तावों पर भी बनी सहमति
संगीत विषय में संगीत (गायन), संगीत वादन (तबला) और संगीत वादन (सितार) को भविष्य में छात्र/ छात्राओं की अंकतालिकाओं और उपाधियों में अलग-अलग विषयों के नाम से अंकित कराने की संस्तुति हुई।
विश्वविद्यालय परिसर एवं महाविद्यालयों के स्तर पर स्नातक एवं परास्नातक स्तर पर संबंधित विषय पाठ्य समिति द्वारा तैयार किए गए विभिन्न विषयों के संशोधित पाठ्यक्रमों के अनुमोदन पर विचार किया गया।
अब डिपार्टमेंट ऑफ एडल्ट कांटिन्युइंग एंड एक्सटेंशन विभाग का नाम डिपार्टमेंट ऑफ कॉन्टिन्युइंग एजुकेशन होगा।
एमएससी माइक्रोबाॅयोलॉजी के संशोधित अध्यादेश एवं पाठ्यक्रम के अनुमोदन पर विचार किया गया।
एसएम कॉलेज चंदौसी में फैशन डिजाइनिंग, म्यूजिकल ट्रेनिंग स्टेट परफॉरमेंस, कुकिंग, डिजिटल मार्केटिंग, ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस, एडवरटाइजिंग सेल्स प्रमोशन, फिजिकल फिटनेस, प्लांट पैथोलॉजी आदि नए पाठ्यक्रम संचालित करने का अनुमोदन किया गया।
प्रबंधन विषय में एमबीए मार्केटिंग कोर्स संचालित करने, एमबीए पार्ट टाइम को एमबीए एक्जिक्यूटिव कर तीन वर्ष के पाठ्यक्रम को दो वर्ष करने और जॉन कैरोल यूनिवर्सिटी यूएसए के साथ मिलकर नए पाठ्यक्रम खोलने पर सहमति बनी।
विश्वविद्यालय परिसर में ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना करने पर सहमित
बीएलएड के आधार पर महाविद्यालयों में एमएड में प्रवेश देने पर विचार किया गया
क्षेत्रीय अर्थशास्त्र विभाग में हेल्थ इकॉनिमिक्स, फाइनेंशियल इकॉनिमिक्स पाठ्यक्रम, सेंटर ऑफ हेपीनेस और डाटा एनालिसिस लैब और डाटा बैंक खोलने पर सहमति बनी
विधि विभाग में एलएलएम कॉरपोरेट एंड बिजनेस, एलएलएम पार्ट टाइम और डिप्लोमा इन पेटेंट लॉ में खोलने की अनुमति
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