यूक्रेन का समर्थन न करने का बयान देकर प्रतिद्वंद्वियों के निशाने पर आए Vivek Ramaswamy

Amrit Vichar Network
Published By Priya
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वाशिंगटन। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवारों की दौड़ में शामिल भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने यह कहकर पार्टी के अपने प्रतिद्धंद्धियों को आक्रोशित कर दिया कि वह रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन का समर्थन नहीं करेंगे। उनका यह बयान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राय से मेल खाता है जो कीव को दी जाने वाली अहम सहायता छोड़ने के पक्ष में हैं। 

अरबपति उद्यमी रामास्वामी (38) ने बुधवार को कैलिफोर्निया में रिपब्लिकन पार्टी की दूसरी प्राइमरी बहस में कहा, ‘‘सिर्फ इसलिए कि (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर) पुतिन एक तानाशाह हैं..., इसका यह मतलब नहीं है कि यूक्रेन भला है। यह ऐसा देश है जिसने 11 विपक्षी दलों को प्रतिबंधित कर दिया है।’’ रामास्वामी के इस बयान की पूर्व उपराष्ट्रपति माइक पेंस, न्यूजर्सी के पूर्व गवर्नर क्रिस क्रिस्टी और दक्षिण कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली ने काफी आलोचना की। 

भारतीय मूल की हेली ने रामास्वामी के इस बयान का सबसे पहले विरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘रूस के लिए जीत का मतलब चीन की जीत है।’’ रामास्वामी ने इससे असहमति जताते हुए कहा, ‘‘चीन असली शत्रु है। हम रूस को चीन के और पास धकेल रहे हैं। हमें इसे खत्म करने के लिए उचित शांति योजना चाहिए, यह ऐसा देश है जिसके राष्ट्रपति गत सप्ताह ही एक नाजी की प्रशंसा कर रहे थे।’’ पेंस और क्रिस्टी ने भी रामास्वामी की टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना की।

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