हल्द्वानी: सौतेली मां भरण पोषण की हकदार, न्यायालय ने बेटे को दिए आदेश

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। सौलेती मां के भरण पोषण से मुकरने वाले बेटे को अब 6 हजार रुपये प्रतिमाह देना होगा। परिवार न्यायालय ने यह आदेश दिए हैं। 

वार्ड 7 कालाढूंगी निवासी गीता आर्या स्व.चंद्रराम आर्या की दूसरी पत्नी हैं। पहली पत्नी से उनका बेटा गिरीश चंद्र आर्या है। चंद्रराम वन निगम में कार्यरत थे और अप्रैल 2017 में उनकी आकस्मिक मृत्यु हो गई थी।

जिसके बाद गीता ने स्वयं नौकरी न कर अपने पुत्र को अनुकंपा के आधार पर अनापत्ति प्रमाण पत्र देकर पिता के स्थान पर नौकरी दिला दी। नौकरी से पूर्व बेटे से वादा लिया था कि वह उसका और उसकी बेटियों का भरण पोषण करेगा, लेकिन नौकरी मिलने के बाद उसने घर छोड़ दिया और भरण पोषण भी नहीं दिया।

जिसके बाद गीता ने वर्ष 2019 में परिवार न्यायालय हल्द्वानी में वाद दायर किया। परिवार न्यायालय के पीठासीन अधिकारी बिन्ध्याचल सिंह ने सौतेली मां को भी भरण पोषण प्राप्त करने का अधिकारी माना और 22 सितंबर 23 को पारित निर्णय में विपक्षी गुरीश को अपनी सौतेली मां को 6000 रुपये प्रतिमाह भरण पोषण आजीवन अदा करने का आदेश दिया।

अभी तक गीता देवी मात्र 2500 रुपये प्रतिमाह पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रही थी। गीता के अधिवक्ता विनीत परिहार ने बताया की धारा 125 जा०फ़ौ० में मां शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है जिस कारण यह फैसला महत्वपूर्ण है।

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