लखीमपुर-खीरी: भाकियू के सहयोग से ग्रामीणों ने गौशाला में बंद किए पशु 

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Published By Vikas Babu
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फोटो- ककरहा के पास गांव में डेरा जमाए खड़े छुट्टा पशु।

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। ग्राम ककरहा में बने गौशाला में 28 सितंबर को भारतीय किसान यूनियन, ग्रामीणों की मदद से लगभग 55 पशुओं को बंद किया गया था, लेकिन उसी रात में लगभग 30 से 35 जानवरों को गौशाला से बाहर निकाल दिया गया जो खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाते हुए गांव में विचरण कर रहे हैं।

खेतों और गांवों में गोवंश के विचरण कर प्रमुख लोगों ने गौशाला में कार्य करने वाले कर्मचारियों से पूछा तो वह कोई भी जानकारी नहीं दे सके कि जानवर कैसे बाहर निकाले। ग्रामीणों का कहना है यह पहली बार ऐसा ऐसा नही हुआ है। इससे पहले भी तीन, चार बार पशुओं को गौशाला में बंद कराए जिन्हें बाद में गौशाला से निकाल दिया गया।

गौशाला चलते हुए लगभग 3 महीने हो रहे हैं लेकिन गौशाला की स्थिति जस की तस बनी हुई है। उसकी स्थिति में अभी तक रत्ती भर भी सुधार नहीं हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि  22 सितंबर को खंड विकास अधिकारी मितौली ने आश्वासन दिया था कि  समस्या का समाधान अतिशीघ्र हो जाएगा लेकिन अभी तक कोई भी सुधार नहीं हुआ है।

पंचायत सेक्रेटरी एवं गौशाला से संबंधित डॉक्टर गौशाला पहुंचे थे जैसे ही दो-तीन ग्रामीण गौशाला के गेट पर पहुंचे वैसे ही डॉक्टर और पंचायत सेक्रेटरी वहां से निकल लिए। 25 सितंबर को लखीमपुर में जिलाधिकारी को पशुओं से निदान दिलाने के लिए भारतीय किसान यूनियन ने ककरहा के पशुओं से निजात दिलाने के लिए ज्ञापन दिया था।

वहां से भी आश्वासन ही मिला समाधान नहीं हुआ। गांव ककरहा, भगौतीपुर, पिपरिया, मेंहंदी, बंगाल, ढाखा, छोटेलालपुर, मेंहंदा, कुटी, आत्मानगर आदि गांव के किसान छुट्टा पशुओं से अपनी फसल बचाने के लिए 24 घंटे खेत की रखवाली करते हैं।

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