कासगंज: मुफलिसी जिंदगी को मिला समाजसेवियों का सहारा

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Published By Moazzam Beg
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कासगंज, अमृत विचार। कल को बेहतर बनाने की खुशी में वह काट रहा जिंदगी मुफलिसी में। पिता की मृत्यु हो चुकी है भाई जेल में है। एक बहन की बीमारी से मृत्यु हो गई। घर में बड़ी बहन और विधवा मां है।

गुजर बसर का कोई सहारा नहीं है, लेकिन 11 साल के इस नाबालिग में कुछ कर गुजरने का हौसला जरूर है। वह परिवार का पालन पोषण  करने के लिए रेलवे स्टेशन पर पॉलीथिन बेचता है और पढ़ाई भी कर रहा है। पॉलीथिन बेचकर घर का गुजारा बन रहा है तो पढ़ लिखकर कलेक्टर बनना चाहता है।

रेलवे स्टेशन पर कुछ समाज सेवियों ने पॉलीथिन बेच रहे ओम कश्यप नाम के 11 वर्षीय बालक से जानना चाहा कि वह पढ़ाई लिखाई की इस उम्र में पॉलीथिन क्यों बेच रहा है। समाजसेवियों ने उससे बातचीत का एक वीडियो भी बनाया। वीडियो में समाजसेवी पूछ रहे है कि पॉलीथिन क्यो बेच रहे हो। बालक ओम कश्यप कह रहा है कि मजबूरी है। पिता की मौत हो गई। बड़ी बहन भी बीमारी से मर गई। एक बहन और मां घर पर रहती है। मेरी उम्र 11 साल है और सबसे छोटा हूं। बहन और मां का जिम्मा मुझ पर ही है। यह कहते कहते उसकी आंख भर आयी। 

उससे पूछा गया कि पढ़ाई करते हो तो बोला कक्षा छह में पढ़ता हूं। पढ़ लिखकर क्या बनोगे तो कहता है कि कलेक्टर बनूंगा। बड़ा भाई जेल में है उसे भी बाहर निकालना है। हालांकि बड़ा भाई जेल में क्यों है इसका कोई जिक्र नहीं हुआ है। 

दीपक शर्मा नाम के समाजसेवी ने यह वीडियो वायरल किया तो फिर क्या था और भी समाजसेवी नाबालिग की मदद को आगे आ गए। सबसे पहले तो यह समाज सेवी इस बालक को लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंचे। कलेक्ट्रेट में डीएम सुधा वर्मा ने बालक से बातचीत की। फिर सरकारी मदद की पत्रावली तैयार करा ली। विधवा को लाभ देने के लिए आवेदन करने के निर्देश अधीनस्थों को दिए। वहीं बालक को सरकारी राहत पहुंचाने के लिए भी आवेदन कराया।

एक वीडियो वायरल हुआ था। उसके बाद कुछ लोग मेरे पास बालक को लेकर आए। मां-बेटे के फार्म भरवा लिए गए है। जो भी सरकारी मदद होगी उसका लाभ मां बेटे को पहुंचाया जाएगा। - सुधा वर्मा, डीएम

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