शाहजहांपुर: जेल में बेचैनी भरी गुजरी रमनदीप की रात, खुद को बताया निर्दोष
शाहजहांपुर (उप्र)। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में अपने प्रवासी भारतीय (एनआरआई) पति की हत्या करने के जुर्म में जिले की एक अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद ब्रिटिश नागरिक रमनदीप कौर की शनिवार की रात बेचैनी भरी गुजरी। खुद के निर्दोष होने का दावा करते हुए उसने आरोप लगाया कि उसके मृत पति के परिवार के सदस्यों ने उसे फंसाया है।
शाहजहांपुर जिला जेल के अधीक्षक मिजाजी लाल ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद रमनदीप कौर और इसी मामले में उम्र कैद की सजा पाए उसके दोस्त गुरप्रीत सिंह को शनिवार को जिला जेल लाया गया।’ लाल ने बताया, ‘‘रमनदीप की निगरानी के लिए जेल की दो महिला कैदियों और एक महिला कांस्टेबल को तैनात किया गया है। शनिवार की रात को उसे खाने में 'दाल', 'सब्जी' और 'रोटी' दी गई, तो उसने नहीं खाया।’’ लाल ने बताया, ‘‘इसके बाद जब जेल की दो महिला कैदियों ने उसे समझाया, तो उसने कुछ खाना खाया। वह रात भर बेचैन रही और कई बार जागी।" .
जेल अधीक्षक ने रमनदीप कौर का हवाला देते हुए कहा कि उनके परिवार के सदस्य लखनऊ में हैं और जब अदालत ने उसे दोषी ठहराया तो वे भी लखनऊ में ही थे। लाल ने यह भी कहा, ‘‘जब उससे (रमनदीप कौर) पूछा गया कि उसने यह जघन्य अपराध क्यों किया, तो उसने कहा कि वह निर्दोष है। उसका पति (सुखजीत सिंह) अपनी पूरी संपत्ति बेचकर इंग्लैंड जाना चाहता था, इसलिए उसी के परिवार के सदस्यों ने उसकी हत्या कर दी। उसे गलत तरीके से फंसाया गया है। उसने कहा कि वह निर्दोष है, और वह उसे दी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील करेगी।''
एनआरआई सुखजीत सिंह की सात साल पहले हुई हत्या के मामले में शाहजहांपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने सुखजीत की पत्नी ब्रिटिश नागरिक रमनदीप कौर उसके दोस्त गुरप्रीत सिंह को दोषी ठहराते हुए शनिवार को सजा सुनाई कौर को मृत्यु दंड जबकि गुरप्रीत को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता श्रीपाल वर्मा ने शनिवार को बताया था कि बंडा थाना क्षेत्र के बसंतपुर निवासी सुखजीत सिंह (34) वर्ष 2002 में नौकरी के लिए इंग्लैंड गए थे। वहां उनकी दोस्ती डर्बी निवासी रमनदीप कौर से हो गई थी। सुखजीत को ड्राइवर की नौकरी मिल गई और उसने 2005 में रमनदीप से शादी कर ली। सुखजीत 28 जुलाई, 2016 को रमनदीप और बच्चों के साथ छुट्टियों पर शाहजहांपुर आये थे। वर्मा ने बताया, '' एक सितंबर 2016 को जब सुखजीत अपने बेटों अर्जुन और आर्यन के साथ सो रहे थे तभी उन पर रमनदीप और उसके दोस्त गुरप्रीत सिंह ने तेज धार वाले हथियार से हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई। इस मामले में रमनदीप और गुरप्रीत दोनों को गिरफ्तार किया गया था।’’
वर्मा ने यह भी बताया कि सुखजीत की हत्या के बाद रमनदीप के माता-पिता ने अपने नातियों को अपने हवाले किये जाने की मांग करते हुए इंग्लैंड की एक अदालत का रुख किया था। हालांकि, अदालत ने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी। सुखजीत हत्याकांड में उनके बेटे अर्जुन की गवाही बहुत अहम साबित हुई। अर्जुन ने अपनी गवाही में अदालत को बताया कि वारदात की रात वह अपने पिता के साथ सो रहा था, तभी उसकी मां ने तकिये से अपने पति का दम घोंट दिया। फिर, गुरप्रीत ने सुखजीत के सिर पर हथौड़े से वार किया। उसके बाद गुरप्रीत ने अपनी जेब से चाकू निकालकर रमनदीप को दे दिया जिसने सुखजीत का गला काट दिया।" इस मामले में फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, सुखजीत की मां वंशजीत कौर ने संवाददाताओं से कहा था, "मुझे राहत महसूस हो रही है। मुझे अदालत से जो उम्मीद थी वह मिला। मैं रमनदीप के लिए मौत की सजा की मांग कर रही थी ताकि किसी मां का बच्चा इस तरह न मरे।"
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