Kanpur News: जीटी रोड पर वाहनों से टोल टैक्स वसूली शुरू, शिवराजपुर के इस गांव के पास बना टोल प्लाजा, ये है टोल रेट

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर के जीटी रोड पर वाहनों से टोल टैक्स वसूली शुरू।

कानपुर के जीटी रोड पर वाहनों से टोल टैक्स वसूली शुरू हो गई। शिवराजपुर के कंठी नवादा गांव के पास टोल प्लाजा बनाया गया। टोल टैक्स का तीन माह बाद दोबारा टेंडर होगा।

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर-अलीगढ़ फोरलेन पर मंगलवार से शिवराजपुर के कंठी नवादा गांव के पास कानपुर से कन्नौज की ओर जाने वाले राहगीरों से टोल वसूलने की शुरूआत हो गई, हालांकि अभी तक आईआईटी से मंधना तक का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। टोल टैक्स का तीन माह बाद दोबारा टेंडर होगा। जिसके बाद हाईवे पर टोल वसूली की कंपनी का निर्धारण किया जाएगा। 
 
कानपुर-अलीगढ़ के 284 किलोमीटर के हाईवे पर एनएचएआई ने टोल वसूली के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा था। संस्तुति होने के बाद मंगलवार से कानपुर से मंधना, चौबेपुर, शिवराजपुर, बिल्हौर होते हुए कन्नौज की ओर जाने वाले चार पहिया या उससे अधिक के वाहनों को 54 किलोमीटर के मार्ग पर शिवराजपुर के कंठी नवादा गांव के पास टोल टैक्स की शुरूआत हो गई।
 
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि एचएम मॉडल (हाइब्रिड एमओपी मोड) के 16 लेन के टोल की शुरूआत की गई है। बंटी लाल गुप्ता कंपनी को टोल वसूली के लिए अधिकृत किया है। अधिकारियों के मुताबिक हाईवे पर यातायात का कितना दबाव है, इस पर भी नजर रखी जा रही है। टोल टैक्स वसूली का ट्रायल चल रहा है। तीन माह बाद दोबारा टेंडर डाले जाएंगें, जिसके बाद अधिकृत कंपनी को टोल वसूलने की इजाजत होगी।
 
अधिकारियों के मुताबिक हाईवे पर स्थित एचएम मॉडल के टोल पर 60 प्रतिशत कंपनी व 40 प्रतिशत हिस्सा सरकार का होता है। हालांकि आईआईटी से मंधना तक हाईवे पर कार्य अधूरा होने के कारण एनएचएआई अभी तय लागत का 70 प्रतिशत टोल ही वसूल करेगी। 
 
ये है टोल रेट
 
एक तरफ का शुल्क
 
वाहन तय रेट
 
1- चार पहिया वाहन 130
2- हल्के कामर्शियल वाहन 210
3- बस और ट्रक 445
4- तीन पहिया कामर्शियल वाहन 485
5- सात पहिया या उससे बड़े वाहन 845
 
आईआईटी से मंधना तक हिचकोले खाते वाहन
 
आईआईटी से मंधना तक हाईवे का कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है। करीब पांच किलोमीटर के मार्ग पर हाईवे से दिल्ली जाने वाले राहगीरों काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क का निर्माण न होने से वाहन पांच किलोमीटर का रास्ता हिचकोले खाते हुए तय करते है। मंधना चौराहे से लेकर मंधना रेलवे क्रासिंग तक का रेलवे की एनओसी न मिलने के कारण कार्य अधर में लटका हुआ था।
 

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