कासगंज: प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए न्यायालय की अवहेलना के आरोपी पुलिसकर्मी
कासगंज, अमृत विचार। न्यायालय से अंतिम जमानत मिलने के बाद भी आरोपी को थाने में बंद कर दिया और मनमानी की। इस मामले में पीड़ित ने न्यायादेश की अवहेलना को लेकर न्यायालय की शरण ली।
इस पर न्यायालय की सख्ती को देख एक उपनिरीक्षक को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया, लेकिन जब न्यायालय संतुष्ट नहीं हुआ और एसपी का व्यक्तिगत का शपथ पत्र तलब किया तो फिर एसपी ने जांच कमेटी गठित करने की बात कहते हुए प्रारंभिक जांच में गिरफ्तारी करने वाले पुलिस कर्मियों को दोषी माना है और जांच रिपोर्ट आने का हवाला दिया है।
इधर उच्च न्यायालय में शासकीय व्यवस्था ने एसपी की ओर से दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है। इसके बाद मामले में अग्रिम तिथि नियत कर दी गई है। 17 अक्टूबर तक पुलिस को फिर रिपोर्ट देनी होगी, हालांकि कोतवाली प्रभारी को न्यायालय से राहत मिल गई है।
शहर के मोहल्ला नवाब निवासी अजय कुमार शर्मा एक मामले में आरोपी हैं। उन्हें न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल चुकी है, लेकिन दो महीने पहले कासगंज कोतवाली पुलिस ने न्यायालय का आदेश होने के बावजूद भी पकड़ कर हालत में बंद कर दिया, हालांकि बाद में न्यायालय का आदेश मिलने पर पर छोड़ दिया गया।अजय कुमार ने न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने न्यायालय का आदेश दिखाया उसके बाद भी उन्हें बंद किया गया। यह न्यायालय के आदेश की अवहेलना है।
इसको लेकर न्यायालय ने पुलिस कर्मियों को तलब किया। एसपी ने गिरफ्तारी करने वाले उपनिरीक्षक विनय कुमार को निलंबित कर दिया, लेकिन न्यायालय इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुआ और अन्य दोषियों पर कार्रवाई क्या हुई है यह सवाल पूछा।
एसपी का शपथ पत्र भी व्यक्तिगत रूप से मांगा। मंगलवार को उच्च न्यायालय में इसकी सुनवाई हुई। न तो एसपी ने अपना व्यक्तिगत शपथ पत्र शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि प्रथम दृष्टया गिरफ्तारी करने वाले पुलिसकर्मी दोषी माने गए हैं। इसकी जांच के लिए जांच कमेटी गठित कर दी गई है। न्यायालय में शासकीय अधिवक्ता ने पक्ष रखा कि इस मामले में स्पष्टीकरण आने के बाद जो भी कार्रवाई होगी वह अग्रिम तारीख तक करते हुए अवगत करा दिया जाएगा। न्यायालय ने 17 अक्टूबर तक का समय दे दिया है।
न्यायालय में एसपी ने शपथ पत्र दाखिल किया है और पुलिसकर्मियों को दोषी माना है। इन पुलिसकर्मियों पर जो भी कार्रवाई होगी वह पुलिस अधीक्षक न्यायालय को बताएंगे। उन्होंने अपने शपथ पत्र में स्पष्ट किया है कि इस मामले में जांच कमेटी गठित की गई है और जांच की जा रही है। आर के चंदेल, पीड़ित के अधिवक्ता
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