लखनऊ: बुजुर्ग ही नहीं, बच्चे भी हो रहे गठिया के शिकार, जानिए क्या है इसके लक्षण
केजीएमयू की ओपीड़ी में 40 से 50 बच्चे आ रहे रोजाना
लखनऊ, अमृत विचार। गठिया एक गंभीर बीमारी है। अमूमन लोग मानते है कि 45 की बढ़ती उम्र के साथ लोगों को इसकी शिकायत होती है। जबकि युवाओं के साथ ही अब 5 से 16 साल तक के बच्चे इसकी चपेट में आ रहे है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में जहां 30 वर्ष से अधिक के करीब 350 से 400 मरीज रोजाना आते है। वहीं, 5 से 16 साल के भी बच्चों की संख्या 40- 50 है।
केजीएमयू के गठिया रोग विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पुनीत कुमार ने बताया कि अनियमित दिनचर्या के कारण बच्चे इससे प्रभावित हो रहे है। कोविड के बाद से समस्या तेजी से बढ़ी है। बच्चे मैदान में खेलकूद के बजाय मोबाइल पर अधिक समय बिता रहे है। जो उनकी सेहत को बिगाड़ रहा है। फॉस्ट फूड भी एक समस्या है। इससे शरीर मे कैल्शियम और विटामिन्स की कमी हो जा रही है। डॉ. पुनीत के मुताबिक गठिया के ऑपरेशन के बाद भी मरीजों को 25 फीसदी दर्द बरकरार रहता है और ऑपरेशन के बाद भी उन्हें चलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
धुम्रपान से भी होता है गठिया
राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय टूड़ियागंज के गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव रस्तोगी ने बताया कि धूम्रपान करने वालों को भी गठिया होना आम बात है। जब कोई धूम्रपान करता है तो अंदर लिया हुआ धुंआ शरीर स्वीकार नहीं करता है और खांसी आने लगती है लेकिन जब आप लगातार धूम्रपान करते रहते हैं तो शरीर भी उसे स्वीकार कर लेता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। साथ ही उनकी हड्डियों में बोन मैरो की कमी होने के कारण शिकायत होने लगती है और 40 की उम्र में आने तक वह पूरी तरह से गठिया के शिकार हो जाते हैं।
गठिया के लक्षण
केजीएमयू के डॉ. पुनीत के मुताबिक जोड़ों में जकड़न, सूजन, लालिमा, दर्द, जलन, हाथों-पैरों की उंगलियों और गांठों में दर्द, दैनिक कार्य करने में परेशानी, चलने-फिरने और उठने-बैठने में तकलीफ जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसके अलावा गंभीर मामलों में बुखार, वजन घटना, लिम्फ नोड्स में सूजन और थकान के अलावा फेफड़े, हार्ट और किडनी से संबंधित बीमारी जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं।
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