सिक्किम में हुई सैनिक की मौत का मामला: अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने दुखा दिया जिले का दिल

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Published By Moazzam Beg
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कासगंज अमृत विचार। सिक्किम में बादल फटने की हुई घटना के बाद सैनिक की जान चली गई। लगभग 14 दिन बाद सैनिक का शव गांव पहुंचा। बड़ी संख्या में हुजूम उमड़ा। स्थानीय अधिकारी और कुछ जनसामान्य के लोगों ने श्रद्धांजलि दी, लेकिन बेरुखी तो उसे समय दिखाई दी जब जिले के मुख्य अफसर और जनप्रतिनिधि सैनिक की अंतिम यात्रा में शामिल ही नहीं हुए। इसको लेकर यह मामला एक बड़ी चर्चा का विषय सुबह से शाम तक बना रहा। 

ग्रामीणों का कहना था कि क्या ऐसी सरकार और क्या ऐसे अफसर जब सैनिक की मौत के बाद श्रद्धांजलि देने को समय निकालना भी उचित नहीं समझते, हालांकि भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष ने पूरा समय देकर सैनिक के परिवार को ढांढस बंधाया और भरोसा दिया कि वह हर संभव मदद करेंगे। एड़ी से चोटी तक मदद के लिए ताकत लगा देंगे।

सैनिक राघवेंद्र का शव मंगलवार सुबह कासगंज पहुंचा। बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।  संभावना जताई जा रही थी कि जिले के सभी मुख्य बड़े अधिकारी और प्रतिनिधि सैनिक को श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे, लेकिन तहसील स्तरीय अधिकारियों को छोड़कर किसी ने श्रद्धांजलि देना उचित नहीं समझा। इधर जनप्रतिनिधि भी बेरुख बने रहे। हांलांकि, भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष केपी सिंह सोलंकी गांव पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाते रहे और भरोसा देते रहे की सरकार की ओर से वे पूरी तरह पूरी परिवार के साथ हैं। 

जिलाध्यक्ष ने कहा कि हर हाल में सरकार हमारे बीच सपूत के परिवार के साथ खड़ी हुई है। इधर जब सवाल पूछे गए तो ग्रामीणों का कहना था कि ऐसे समय में जनप्रतिनिधियों और अफसर को ध्यान देना चाहिए कि कासगंज का एक जवान शहीद हो गया और उन्हें अपने दफ्तरों से निकलने का समय भी नहीं मिला। ग्रामीणों में काफी आक्रोश था। कहना था कि क्या ऐसे अफसर और क्या ऐसे अधिकारी और क्या ऐसे नेता जो शहीदों को सम्मान नहीं देते उन्हें सम्मान देने में हर किसी को गुरेज रखना चाहिए।

नहीं आया कोई
शहीद हुए सैनिक के भाई नरेंद्र सिंह का कहना है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी कोई जनप्रतिनिधि और जिले का बड़ा  अधिकारी नहीं आया। सिर्फ जिलाध्यक्ष ने ही हिम्मत दी। यह दर्द भरी बात है कि किसी ने कोई सुधनहीं ली।

सेल्यूट मेरे पापा 
जब राजकीय सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी जा रही थी। उस समय एक वीडियो  सैनिक के तीन बच्चों का वायरल हुआ है। इसमें तीनों बच्चे सेना के अफसर और जवानों की तरह अपने पिता के पार्थिव शरीर पर सेल्यूट कर रहे थे। उन्हें देखकर हर किसी की आंखें नम हो चुकी थीं।

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