मुरादाबाद: अवैध कोचिंग सेंटर के खिलाफ एबीवीपी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे, किया विरोध प्रदर्शन

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Published By Priya
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मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर में गली-गली कोचिंग सेंटरों की भरमार है। जबकि पंजीकरण सिर्फ 40 का ही है। जिनका पंजीकरण है इनमें भी अधिकांश विभागीय मानकों को पूरा नहीं करते। यानी छात्र-छात्राओं का जीवन दांव पर लगाकर काेचिंग क्लासेज संचालित की जा रही हैं। हालात इतने खराब है कि अधिकांश कोचिंग सेंटरों के पास पार्किंग की व्यवस्था तक नहीं है। जिस वजह से अक्सर सड़कों पर जाम देखने को मिलता है। लेकिन, शिक्षा विभाग ने इन्हें देख कर भी अनदेखा कर रखा है।

वैसे तो कोचिंग सेंटर चलाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए सभी नियमों का पालन करना जरूरी है। मगर महानगर के कोचिंग सेंटर संचालक मनमानी कर रहे हैं। कुछ संचालक बिना अनुमति लिए धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर का संचालन कर रहे हैं। खासकर ग्रामीण अंचल और छोटे कस्बों में ऐसे कोचिंग सेंटरों की तो भरमार है। हालात इतने भयावह हैं कि जिन कोचिंग सेंटरों ने पंजीकरण करा भी रखा है, उनके पास या तो अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं है या फिर वह विभाग के अन्य मानकों की अनदेखी कर रहे हैं।

 विभागीय कर्मचारियों की माने तो बिना एनओसी वाले कोचिंग सेंटरों का इस बार पंजीकरण नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। कोचिंग सेंटर के पंजीकरण हर दो साल में नवीनीकरण होता है। महानगर के अधिकांश कोचिंग सेंटर के पास पार्किंग व्यवस्था तक नहीं है। विद्यार्थी यहां सड़कों पर साइकिल और बाइक खड़ी करते हैं। जिससे अक्सर जाम की स्थिति देखने को मिलती है। लेकिन, अब ऐसे कोचिंग सेंटरों को चिह्नित कर कार्रवाई करने की बात विभागीय अधिकारियों की ओर से कही जा रही है।

महानगर में बिना पंजीकरण और मानकों को पूरा किए बगैर चल रहे कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चेकिंग के लिए विभागीय टीम का गठन किया गया है। जो पंद्रह दिन में जांच कर ऐसे कोचिंग सेंटरों को चिह्रित करेगी। रिपोर्ट के आधार पर कोचिंग सेंटर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -अरुण कुमार दुबे, जिला विद्यालय निरीक्षक

यह हैं मानक :-

  • कोचिंग संस्थान चलाने के लिए शिक्षा विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर नगरीय निकाय से अनुज्ञा लेनी जरूरी है।
  • कोचिंग इंस्टीट्यूटके संचालन के जिए 3000 स्क्वायर फीट क्षेत्रफल न्यूनतम होना चाहिए।
  • जहां कोचिंग सेंटर संचालित हो रहा है, वहां की सड़क की चौड़ाई कम से कम 40 फीट होनी चाहिए,
  • स्वयं के कोचिंग सेंटरों पर दुपहिया और कार पार्किंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए।छात्र-छात्राओं के अनुपात में अलग-अलग शौचालयों का होना जरूरी है। अग्निशमन की एनओसी नगर परिषद से होनी चाहिए।

अवैध कोचिंग सेंटरों के विरोध में सड़क पर उतरी विद्यार्थी परिषद
मुरादाबाद। महानगर में चल रहे अवैध कोचिंग सेंटरों के विरोध में बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले छात्र-छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की। डीआईओएस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी की। जिला विद्यालय निरीक्षक को ज्ञापन सौंपकर अवैध और मानकों को पूरा न करने वाले कोचिंग सेंटरों को बंद करने की मांग की। जिला विद्यालय निरीक्षक ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया है।

विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता पहले कलक्ट्रेट पर इकट्ठा हुए और फिर नारेबाजी करते हुए डीआईओएस कार्यालय पहुंचे। परिषद के प्रदेश सह मंत्री सचिन सिंह ने कहा कि शहर में कई कोचिंग सेंटर बिना मानक के संचालित हो रहे हैं। नामी कोचिंग सेंटरों में सरकारी शिक्षकों को पढ़ाने का आरोप भी लगाया। स्कूल समय में कोचिंग की क्लास चल रही हैं उधर, स्कूलों में बच्चों की फर्जी उपस्थिति लगाई जा रही है। 

अधिकारियों की साठगांठ के से कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं। यही कारण है कि कभी उनके विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई। प्रदेश सह मंत्री सचिन सिंह ने कहा कि दस दिनों में कार्रवाई नहीं होती है तो परिषद की ओर से आंदोलन किया जाएगा। इस मौके पर अमन शर्मा, अभिषेक चौहान, अक्षत शर्मा, अस्मिता चौधरी, सरल, सचिन राजपूत, निर्मल चंद्रा, पायल यादव, प्रियंका, विधि शुक्ला, गुंजन आदि मौजूद रहे।

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