बरेली: गेहूं की MSP में 150 रुपये की बढ़ोत्तरी किसानों के लिए नाकाफी, बोले- जिस तरह बढ़ी महंगाई, उस हिसाब से कम

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Published By Vikas Babu
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गेहूं की एमएसपी बढ़ने पर किसान बोले जिस तरह बढ़ी महंगाई, उस हिसाब से कम

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बरेली, अमृत विचार। केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 150 रुपये बढ़ाकर 2275 रुपये किया है। यह पिछले 10 साल में सबसे अधिक बढ़ोतरी की है, इसके बावजूद किसान और संगठन इससे संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है हर वर्ष कीटनाशक, खाद आदि की महंगाई बढ़ रही है। मजदूरी, सिंचाई समेत अन्य लागत भी बढ़ गई है। इसके सापेक्ष एमएसपी काफी कम है। अब तो खेतों की छुट्टा पशुओं से रखवाली पर भी खर्च आता है। ऐसे में सरकार को और दाम बढ़ाने चाहिए थे।

इस बढ़ोतरी से नहीं मिलेगा लाभ
पिछले पांच साल में कीटनाशक, बीज, डीजल के दामों के अलावा सिंचाई का खर्च कई गुना बढ़ गया है। इसलिए इस बढ़ोतरी से किसानों का लाभ होने वाला नहीं है--- तेजपाल गंगवार, भाकियू जिलाध्यक्ष, अराजनैतिक।

सरकार नहीं जानती खेती में लागत
सरकार खेती पर लागत की हकीकत नहीं जानती। खेती करना बेहद महंगा हो रहा है। गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपये क्विंटल का इजाफा नाकाफी है---डा. रवि नागर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, किसान एकता संघ।

सरकार ने वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, लेकिन किसान की हालत अब भी वैसी की वैसी है। महंगाई लगातार बढ़ रही है---राजेश शर्मा, किसान नेता।

कैसे बढ़ेगी किसानों की आमदनी
गेहूं का दाम अब 2275 रुपये प्रति क्विंटल होगा। इससे किसानों का केवल लागत खर्च ही निकल सकेगा---दुर्गेश मौर्य, मंडल महासचिव भाकियू।

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