संकट के बादल! 14 सीएचसी व 34 पीएचसी में बचा मात्र 10 दिन का रीजेंट, मरीजों को हो सकती है यह बड़ी दिक्कत
अयोध्या। डेंगू के कहर के बीच जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पैथोलॉजी जांच के लिए रीजेंट यानि रसायन का संकट गहरा गया है। अभी तक रीजेंट खरीद प्रक्रिया शुरू न होने से मात्र 10 दिनों का रसायन ही सीएचसी-पीएचसी में बचा है। समय रहते रसायन की आपूर्ति नहीं हुई तो भविष्य में मरीजों को निजी पैथोलॉजी के शोषण का शिकार होना पड़ेगा।
जिले में 14 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 34 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में पैथोलॉजी में रीजेंड दिए जाने की व्यवस्था की जाती है। वर्तमान में डेंगू के प्रकोप के चलते तेजी के साथ जांच हो रही है। जिसके कारण महीने डेढ़ महीने चलना वाला रसायन महज 15 दिनों में समाप्त हो जा रहा है।
यह अलग बात है कि इसे दबा कर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों को जिला अस्पताल रेफर किए जाने का पैतरा खेला जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी डेंगू बुलेटिन के अनुसार अब तक जिले में डेंगू के कुल 318 मरीज पाए गए हैं। रोजाना औसतन आठ से 10 मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में सीएचसी पीएचसी में रसायन का स्टाक समाप्त होता है तो गंभीर संकट खड़ा हो जायेगा।
अभी स्टॉक में मौजूद रसायन
जिले के सीएमएसडी स्टोर और कुछ सीएचसी पर एस एल्बुमिन, एस एएलपी, डाइल्यूएण्ट एलवाईएसई, एसजीएमटीएनआईएनई, एस टोटल प्रोटीन, एस एजीओटी, एसएसजीपीटी, एस ग्लूकोज, एस कॉलेस्ट्रॉल, एस यूरिया, एस बिलिरुबिन टोटल, एस बिलिरुबिन डायरेक्ट, एस यूरिक एसिड, एस कैलशियम, एसआरए फैक्टर एस सीआरपी रसायन उपलब्ध हैं लेकिन यह भी सीमित है। इनमें से भी अधिकतर 10 से 15 दिन के ही बचे हुए हैं।
स्टेट बजट से और निविदा के जरिए रीजेंट की खरीद होती है।कुछ रसायन स्टेट बजट से मंगवाए गए हैं। रीजेंट की कमी कुछ बताई गई है लेकिन जांच प्रभावित नहीं होगी।
- डॉ.संजय जैन, सीएमओ
बिना किट के ही हो रही डेंगू की जांच, तीन भर्ती
सोहावल, अयोध्या। डेंगू मरीजों की संख्या में हर रोज बढ़ोतरी हो रही है। अब तक 18 से ज्यादा मरीजों की रिपोर्ट डेंगू पॉजिटिव होने की पुष्टि करने वाले सीएचसी सोहावल में भर्ती तीन मरीजों का इलाज चल रहा है। जांच केंद्र के मुताबिक 14 उपकेंद्र सहित अस्पताल को अब तक 200 किट जांच के लिए शासन से मिली थीं। जिसे समाप्त हुए कई दिन बीत गए हैं। इसीलिए जांच का कार्य भी लगभग ठप है।
भर्ती डेंगू मरीज वकार अहमद, भुलई पुरवा, राम जी कोला, सरोज सुरवारी की माने तो दिन में आकर दवा इलाज कराके शाम को घर लौट जाते है। एक मात्र चिकित्साधिकारी के रूप में मरीजों को देख रहे डॉ. उमेश चंद तिवारी ने बताया जांच किट के लिए मांग भेजी गई है। इमरजेंसी सेवा के लिए रखी गई किट सहित मौजूद सीमित संसाधनों के जरिए मरीजों का इलाज चल रहा है। ज्यादा गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।
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