बांदा: सोलह श्रंगार से सजी सुहागिनों ने चलनी की ओट से किया चांद और पति का दीदार, की लंबी उम्र की प्रार्थना

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Published By Sachin Sharma
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बांदा, अमृत विचार। भला है बुरा है जैसा भी है, मेरा पति मेरा देवता है, फिल्मी गीत की यह पंक्तियां करवाचाैथ के दिन पूरी तरह से चरितार्थ होती हैं। पूरे साल भले ही पति-पत्नी के रिश्ते में कुछ खट्टा कुछ मीठा अनुभव रहता हो लेकिन करवाचाैथ के दिन पत्नियां अपने पति की सलामती और लंबी उम्र के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखकर अपने पतिव्रत धर्म का सबूत देतीं हैं। व्रत रखकर हर पत्नी अपने पति को अपनी भी उम्र लगने की कामना करती है। 

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बुधवार को करवाचाैथ पर पूरा दिन निर्जला व्रत रखने के बाद सुहागिनों ने शाम ढ़लते ही साेलह श्रंगार मेंं सजधज कर पूजा अर्चना की और चंद्रमा को अर्घ्य देकर चलनी की ओट से पति का दीदार किया। इसके बाद पति के हाथों पानी पीकर व्रत का पारण किया। पतियों ने भी पत्नी की पसंद को ध्यान में रखते हुए उपहार सौंपा।

कार्तिक मास की चतुर्थी के दिन सुहागिनें करवा चाैथ का व्रत करती हैं। इस दिन पत्नी अपने पति की दीघार्यु के लिए मंगलकामना और स्वयं के अखंड सौभाग्यवती होने की कामना करती है। बुधवार को करवाचाैथ के व्रत में सुहागन स्त्रियों ने सुबह से लेकर रात में चांद निकलने तक व्रत रखा। सारा दिन पूजा सामग्री और पकवान तैयार करने में निकल गया, लेकिन शाम को सूरज के डूब जाने के बाद बस इन महिलाओं को बस आसमान में चंदा का इंतजार था।

करीब सवा आठ बजे चंद्रदेव ने दर्शन दिए तो घरों की छत पर घंटा, घड़ियाल की गूंज शुरू हो गई। महिलाओं ने विधिविधान से चंद्रदेव का पूजन किया और जल से अर्घ्य देकर पति की आयु चांद की तरह लंबी होने की प्रार्थना की। फिर चलनी से चांद को निहारने के बाद पतिदेव के दर्शन किये और पूजा की। पति के हाथों से ही पानी और मिठाई खाकर व्रत का समापन किया। सुहागिनों ने पूरे दिन व्रत रखने के बाद चलनी से उनका दीदार किया और उनके साथ पानी पीकर व्रत तोड़ा। युवा दंपत्तियों में करवा चाैथ को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला।

इंटरनेट पर पति का दीदार कर तोड़ा व्रत

वैसे तो करवा चाैथ के दिन ज्यादातर पति अपनी पत्नी का साथ निभाने के लिए अपने घर पर ही रहते हैं, लेकिन परिस्थितियों वश जिनके पति नौकरी-पेशा या अन्य किसी कारण उनके पास नहीं हैं, उन्हें व्रत में पारण के समय उनकी गैर मौजूदगी खूब खली। ऐसे में किसी ने वीडियो कॉलिंग करके तो किसी ने वाट्सएप और फेसबुक में एक दूसरे की फोटो भेजने के साथ ही चैटिंग कर संतोष किया। गांवों में नेटवर्क की दिक्कतों के चलते ऐसी महिलाओं ने पति के फोटो मे दर्शन कर व्रत का पारण किया। देर रात तक पति से फोन पर बातचीत का सिलसिला चलता रहा।

...लगी रही चंदा पर टकटकी

सुहागिनें तीन दिन पहले से ही करवाचाैथ की तैयारियों में जुटी हुई थीं और बुधवार का दिन महिलाओं के लिए खासा मुश्किलों भरा रहा। करवाचाैथ की सुबह से ही पूरा दिन निर्जला व्रत और दिन भर पकवान बनाने में व्यस्तता के बाद जब शाम ढ़ली तो महिलाओं की निगाह आसमान की ओर टिक गई।

हालांकि ज्योतिष गणना के अनुसार बुधवार की रात करीब सवा आठ बजे चंदमा निकला। लेकिन महिलाएं शाम से ही चंद्रमा निकलने तक आसमान पर टकटकी लगाए रहीं और जैसे ही आसमान में चंद्रदेव के दर्शन हुए तो सोलह श्रंगार से सज धज कर महिलाएं छतों पर पूजा के लिए निकल पड़ी। चंद्रमा के साथ पति की पूजा अर्चना के बाद महिलाओं ने व्रत का समापन किया और फिर पति के हाथों उपहार पाकर गदगद हो गईं।

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