तालिबान सरकार कर रही टीटीपी की मदद, पाकिस्तानी राजनयिक ने लगाया आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Priya
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इस्लामाबाद। देश में आतंकवादी हमलों में वृद्धि के बीच पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक ने पहली बार खुले तौर पर आरोप लगाया है कि काबुल में अफगान तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार प्रतिबंधित टीटीपी आतंकवादी समूह को पाकिस्तानी क्षेत्र में घुसने और विध्वंसक गतिविधियां, नरसंहार करने तथा फिर वापस अफगानिस्तान लौटने की अनुमति दे रही है।

 तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का अफगान तालिबान के साथ वैचारिक संबंध है और इसे पाकिस्तान तालिबान के रूप में भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 2007 में कई आतंकवादी संगठनों के एक छत्र समूह के रूप में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य पूरे पाकिस्तान में सख्त इस्लामी शासन लाने का है। टीटीपी पाकिस्तान में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। 

पिछले हफ्ते पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अफगान धरती का इस्तेमाल कर टीटीपी द्वारा किए गए हमलों के कारण पिछले दो वर्षों में 2,267 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए हैं। 

एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने रविवार को अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष दूत आसिफ दुर्रानी के हवाले से कहा, ‘‘हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं सकते कि टीटीपी के लोग, जो अफगानिस्तान में रह रहे हैं, उनके (अफगान तालिबान) नियंत्रण में हैं। उन्हें पाकिस्तान की सीमा पार करने और विध्वंसक गतिविधियां चलाने, नरसंहार करने और फिर वापस लौटने की अनुमति है। यह कुछ ऐसा है जो हमारे लिए परेशानी पैदा करने वाला है।’’ खबर में कहा गया है कि पाकिस्तानी अधिकारी अकसर निजी तौर पर अफगान तालिबान-टीटीपी सांठगांठ के बारे में बात करते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब किसी वरिष्ठ अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से इसके बारे में बात की है।

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