बरेली: भुता पुलिस की विवेचना की एसपी सिटी करेंगे समीक्षा
बरेली, अमृत विचार। साढ़े छह करोड़ की जमीन के विवाद में भुता पुलिस पर साठगांठ के तहत गंभीर धाराएं हटा देने के आरोप लगने के बाद आईजी ने एसपी सिटी को अब तक की गई विवेचना की समीक्षा करने का आदेश दिया है। इससे पहले भुता पुलिस से विवेचना भी वापस लेकर क्राइम ब्रांच को दी जा चुकी है।
आईजी के आदेश पर 20 अगस्त 2023 को शहामतगंज निवासी अरविंद अग्रवाल की शिकायत पर किला इलाके के सुमित अग्रवाल समेत सात लोगों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, बलवा और जानलेवा हमले के गंभीर आरोपों में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
आरोप था कि अरविंद का आरोपियों से फरीदपुर स्थित 15.190 हेक्टेयर जमीन का करीब साढ़े छह करोड़ में सौदा हुआ था। एग्रीमेंट के बाद अरविंद ने डेढ़ करोड़ रुपये का एडवांस दिया लेकिन आरोपियों ने बैनामा करने के बजाय उल्टे दो करोड़ की रंगदारी मांगनी शुरू कर दी।
विवाद होने के बाद आरोपियों ने तीन जुलाई को उन पर जानलेवा हमला भी किया। आईजी के आदेश पर एसपी सिटी ने जांच की तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद थाना भुता में रिपोर्ट दर्ज हुई।
अरविंद का आरोप है कि रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस दोनों पक्षों से सौदेबाजी करने लगी। पहले उनसे स्वार्थसिद्धि करने के बाद आरोपी सुमित और रामसनेही को गिरफ्तार किया, फिर उनसे भी सौदा कर जालसाजी की सारी धाराएं हटा दीं।
वादी पक्ष की दोबारा शिकायत पर आईजी ने विवेचना भुता पुलिस से हटाकर क्राइम ब्रांच को दे दी थी। अब एसपी सिटी को भुता पुलिस की कार्रवाई की समीक्षा का भी आदेश दिया है। एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने बताया कि इस केस में किस आधार पर धाराएं हटाई गईं, इसकी जांच की जाएगी। अगर साक्ष्य मिले तो जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
वादी के प्रार्थना पत्र पर क्राइम ब्रांच को विवेचना दी गई है। एसपी सिटी को पूरे प्रकरण में हुई कार्रवाई की समीक्षा का निर्देश भी दिया है। अगर इसमें भुता पुलिस दोषी पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. राकेश सिंह, आईजी
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