भाईदूज : जेल में बंद भाइयों के माथे पर बहनों ने लगाया स्नेह का तिलक, की लंबी उम्र की कामना
लखनऊ/गोसाईंगज। परंपराओं से समृद्ध लोग त्योहारों पर सपरिवार खुशियां मनाते हैं। भले ही उनके दिल में लाख दुख छिपे हों, अपने दिल का हाल छिपाती ऐसी ही बहनों ने भाईदूज के दिन जिला कारागार में पहुंचकर भाइयों के माथे पर स्नेह का तिलक लगाया और उनकी लम्बी उम्र की कामना की।
वहीं अपनों का साथ देखकर बंदी भावुक हो गए। इनमें से कई बंदी रो भी पड़े। इस दौरान बहनों ने भाइयों को संकल्प दिलाया कि वह जेल से छूटने के बाद जरायम की दुनिया को छोड़ हंसी-खुशी सपरिवार सामान्य जिंदगी नए तरीके से शुरु करेंगे।
जेल अधीक्षक अशीष तिवारी के मुताबिक, सामान्य दिनों में शांत दिखने वाली जिला कारागार के अंदर और बाहर दोनों जगह बुधवार की बहनों की भीड़ थी। हजारों की संख्या में महिलाएं, बच्चे पुरुष जेल के अंदर बंद अपने परिजनों से मिलने को उत्साहित थे। दीपावली के बाद से ही भाईदूज का इंतजार कर रही बहनें भाइयों से मुलाकात कर उनके माथे पर तिलक लगाने के लिए उत्सुक थीं।
वहीं, अपने किए की सजा भुगत रहे भाई भी अपने बहनों के इंतजार में थे। बताया कि खुली मुलाकात के चलते जेल प्रशासन ने पर्ची लगाने के लिए कई काउंटर बनाए थे। इन काउंटर में चरण वार पर्चियां लगाई गई। सघन तलाशी के बाद बहनों को जेल में प्रवेश दिया गया। जेल के भीतर मैदान में बहनों ने विधिवत पूजा पाठ करके बंदी भाईयों के माथे पर स्नेह का तिलक लगाया और उनका मुंह मीठा कराया।
जेलर राजेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक 3946 बहनों ने भाईदूज पर भाइयों से मुलाकात की। कहा कि किसी भी मुलाकाती को लौटाया नहीं गया। बहन की शक्ल दिखते ही बंदी भाइयों के उदास चेहरे पर खुशी आ गई।
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