रायबरेली: दो बालकों की मौत के बाद भड़का आक्रोश, शव गांव आते ही परिजन और ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

रायबरेली: दो बालकों की मौत के बाद भड़का आक्रोश, शव गांव आते ही परिजन और ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

रायबरेली। सरेनी के मलकेगांव में बीते शुक्रवार को घर के भीतर अवैध पटाखा बनाने के दौरान विस्फोट होने से चार बच्चे झुलस गए थे जिसमें दो बालकों की लखनऊ ट्रामा सेंटर में मौत हो गई। बुधवार दोपहर बाद जब शव पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचे तो ग्रामीणों का आक्रोश भड़क गया।

परिजनों और ग्रामीणों ने मलके गांव चौराहा पर शव रखकर जाम लगाकर जमकर हंगामा किया। मामले की जानकारी पुलिस को हुई तो सरेनी, लालगंज, खीरों और गुरुबक्शगंज पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने के प्रयास किया लेकिन पुलिस को ग्रामीणों का गुस्सा देखना पड़ा। एक बारगी तो पुलिस पूरी तरह से बैकफुट पर चली गई।

इसके बाद तहसीलदार ने मौके पर पहुंच कर पीड़ित परिवार से बात की और उसके बाद किसी तरह उनको शांत कराया। प्रशासन द्वारा जब सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया गया तो परिजन शवों के अंतिम संस्कार को राजी हुए। करीब 5 घंटे तक हंगामा हुआ।

बीते शुक्रवार को मलकेगांव में नसरीन बानो के घर पर अवैध पटाखे बनाए जा रहे थे। इस काम में गांव के चार बच्चों को भी बहला-फुसलाकर लाया गया था। दोपहर के समय बारूद में विस्फोट होने से मनीष कुमार, सौरभ, शीजा (8) पुत्री कलाम मोहम्मद व गोविंद पुत्र भैयालाल गंभीर रूप से झुलस गए थे। सभी को लखनऊ केजीएमयू में भर्ती कराया गया था, जहां पर मगंलवार की रात सौरभ और मनीष की मौत हो गई।

इसके बाद दोनों के परिवार के लोगों का गुस्सा भड़क गया। पोस्टमार्टम के बाद जब शव आए तो परिवार के लोगों और ग्रामीणों ने मलकेगांव चौराहा पर शव रखकर जाम लगा दिया और जमकर हंगामा किया। मृतक सौरभ की मां संतोषा ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर जमकर हंगामा किया।

मामले की जानकारी मिलने पर सरेनी सहित चार थानों की पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन वह आक्रोश को दबा नहीं सकी। इस पर तहसीलदार मंजूला मिश्रा पहुंची तथा उन्होंने पीड़ित परिवार से बात की। पीड़ित परिवार का कहना था कि नसरीन बानो को जेल भेजा जाए, गांव में किसी को भी पटाखा का लाइसेंस न दिया जाए, 25 लाख रुपया नकद और दो बीघा जमीन दी जाए।

इस पर काफी देर तक तहसीलदार, सीओ लालगंज ने पीड़ितों से बात की लेकिन नतीजा नहीं निकला। परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके बाद शाम को प्रशासन की तरफ से आश्वासन दिया गया कि पात्र होने पर पीड़ित परिवारों को जमीन का पट्टा, एक आवास और डीएम तथा प्रशासन स्तर पर दी जाने वाली सहायता राशि दी जाएगी।

जिस पर पीड़ित परिवार के लोग मान गए और दोनों बालकों के शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजा गया। एडीएम प्रशासन प्रफुल्ल त्रिपाठी ने कहना है कि पीड़ित परिवारों को पात्रता होने पर आवास और पट्टे का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए तहसील प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं।

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