नैनीताल: दिव्यांग से भेदभाव पर समाज कल्याण विभाग को फटकार

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Published By Bhupesh Kanaujia
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नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दिव्यांगजन को सरकारी सेवा में आरक्षण का लाभ देने में भेदभाव करने के मामले में समाज कल्याण विभाग को कड़ी फटकार लगाई है, साथ ही उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को याची को भर्ती परीक्षा में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। सरकार से छह सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा गया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई ।

देहरादून निवासी और दोनों पांव व हाथ से दिव्यांग राजेश कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि लोक सेवा आयोग ने अगस्त व सितंबर में समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी व कर विभाग के लिए विज्ञप्ति जारी की थी। इस विज्ञप्ति में एक पांव, एक टांग, कुष्ठ रोग उपचारित, एसिड अटैक पीड़ित आदि के लिए आरक्षण दिया है लेकिन दोनों टांगों व दोनों हाथों से दिव्यांग व्यक्ति के लिए आरक्षण नहीं दिया गया है।

इस कारण वे इन पदों के लिए आवेदन नहीं कर सके। आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यह विज्ञप्ति सरकार की ओर से भेजी गई अध्याचना के आधार पर जारी हुई है लेकिन सरकार के अधिवक्ता दिव्यांगजन के साथ हुए भेदभाव पर स्पष्टीकरण नहीं दे सके। इस पर कोर्ट ने समाज कल्याण विभाग को कड़ी फटकार लगाई।

कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया कि याची का ऑफलाइन आवेदन पत्र एक हफ्ते के भीतर स्वीकार करें। इस मामले में सरकार को जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी।

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