बरेली: कैसे पूरा होगा लक्ष्य...जब बाजार में महंगे दामों में बिक रहा धान
बरेली, अमृत विचार। जिले में धान खरीद का लक्ष्य अफसर पूरा नहीं कर पा रहे हैं। अधिकारी इसकी वजह क्रय केंद्रों से महंगे दाम पर बाजार में धान की बिक्री बता रहे हैं। तीन दिन पहले आईवीआरआई में मंडलीय रबी उत्पादक गोष्ठी में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने भी कृषि मंत्री सूर्य प्रताप सिंह के सामने इसे स्वीकार किया था।
उन्होंने बताया था कि बाजार में एमएसपी से 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक अधिक मिल रहे हैं। जिले में पीसूयी समेत पांच एजेंसियों के 151 क्रय केंद्र खोले गए हैं। जिन पर एक अक्टूबर से धान की खरीद चल रही है।
सरकार ने जिले को 1.83 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य दिया है, जबकि 2183 रुपये क्विंटल धान का मूल्य घोषित है। जबकि निजी मंडियों में आढ़तियों के यहां धान 2500 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीदा जा रहा है। जिसके चलते अब तक लक्ष्य के सापेक्ष महज 10 फीसदी ही खरीद हुई है।
72 फीसदी किसानों का किया जा चुका भुगतान
जिले में सरकारी केंद्रों पर अब तक 3860 किसानों से 19431 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। अफसरों का दावा है कि इन किसानों को 4241.94 लाख रुपये का भुगतान किया जाना था। जिसके सापेक्ष अब तक 72 फीसदी यानी 3025 किसानों का 3078.61 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
किसान बोले-कम दाम में क्यों बेचें धान
शहर की नवीन गल्ला मंडी पहुंचे किसान राम सिंह ने बताया कि जब उनका धान अधिक दाम में बिक रहा है तो वह कम दाम में सरकार को क्यों दें। इसी तरह सीबीगंज के किसान सीताराम का कहना है कि हमारे क्षेत्र में धान का बाजार मूल्य सरकारी से तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा है।
धान खरीद बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यह बात सही है कि सरकारी रेट से ज्यादा में धान बिक्री होने की वजह से क्रय केंद्रों की तरफ किसानों का रुझान कम है। मीरगंज क्षेत्र के काफी किसान रामपुर की मंडियों में धान बेच रहे हैं।- कमलेश पांडेय, डिप्टी आरएमओ
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