केजीएमयू : शिक्षकों की भर्ती मामले में नहीं हुई कार्रवाई, शांति मार्च निकाल कर जताया विरोध

Amrit Vichar Network
Published By Virendra Pandey
On

लखनऊ, अमृत विचार। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन पर शिक्षकों की भर्ती में राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगा है। यह आरोप अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ की तरफ से लगाया गया है। इन्हीं आरोपों के साथ अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने मंगलवार को एक शांति मार्च निकाल कर केजीएमयू प्रशासन को चेतावनी दी है। 

महासंघ दो

केजीएमयू से शुरू हुये इस शांति मार्च में भारी तादात में लोगों ने हिस्सा लिया। अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ की तरफ से यह मांग की गई है कि शिक्षकों की भर्ती नियमों के तहत की जाये। 

दरअसल, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में बीते गुरुवार को प्रस्तावित शांति मार्च स्थगित हो गया था। बताया जा रहा है कि केजीएमयू की कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद से आश्वासन मिलने के बाद अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने  शांति मार्च को स्थगित किया था, लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी थी कि यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो वह आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। उस दिन भी शांति मार्च केजीएमयू से लेकर राज भवन तक निकालने की तैयारी थी, लेकिन केजीएमयू की कुलपति से अश्वासन मिलने के बाद शांति मार्च स्थगति हो गया था।

महासंघ के अध्यक्ष रामचंद्र पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने निर्देश दिया था कि केजीएमयू में होने वाली शिक्षकों की भर्ती में बैकलॉग की भर्ती सामान्य विज्ञापन की प्रक्रिया से पहले की जाए, आयोग ने यह निर्देश इसी साल के मई महीने में दिया था। वही शिक्षकों के भर्ती प्रकरण पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने केजीएमयू प्रशासन से पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन केजीएमयू प्रशासन की तरफ से उसका जवाब भी नहीं दिया गया था।

इसी के चलते महासंघ ने शांति मार्च निकालने का फैसला लिया था,लेकिन केजीएमयू की कुलपति के तरफ से 10 दिन में भर्ती की कार्रवाई स्थगित करने का आश्वासन दिया गया था। उचित कार्रवाई न होने पर आज रैली निकाली गई और राजभवन पहुंचकर राज्यापाल के नाम ज्ञापन सौंपा।

यह भी पढ़ें : शीतकालीन सत्र 2023 : काला कपड़ा लेकर साइकिल से विधानसभा पहुंचे सपा विधायक जाहिद बेग, बीजेपी पर बोला हमला

संबंधित समाचार