शिमला: ‘चूड़धार चोटी’ पर पहली बार हेलीकॉप्टर लैंडिंग, भगवान शिरगुल जी महाराज की है तपोस्थली
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शिमला। दक्षिण हिमाचल सहित पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक ‘भगवान शिरगुल जी महाराज’ की तपोस्थली चूड़धार चोटी पर पहली बार हेलीकॉप्टर की लैंडिंग हुई है। कुछ वर्ष पहले हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया था, लेकिन लैंडिंग नहीं हुई थी। शिमला प्रशासन की कोशिश पर ये ट्रायल सफल रहा है।
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ट्रायल के सफल होने के बाद प्रशासन जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए भी चौपर सुविधा उपलब्ध करवाने की तैयारी में जुट सकता है। इसके लिए दो बिंदुओं पर कार्य हो रहा है। पहला प्रयास ये है कि छह-छह सीटर दो चौपर को लैंड करने की व्यवस्था हो। दूसरी कोशिश ये है कि बड़े हेलीकॉप्टर को उतारा जा सके। चूड़धार चोटी तक पहुंचने के लिए दो मुख्य पैदल रास्ते हैं।
सिरमौर के नौहराधार से करीब 16 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई से चूड़धार पहुंचा जा सकता है। वहीं, दूसरी तरफ चौपाल के सराहं से भी 8-10 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई है। सराहं से पुलबाहल तक सड़क के निर्माण से पैदल दूरी काफी घट भी गई है। तकरीबन 11 से 12 हजार फीट की ऊंचाई पर भगवान शिरगुल के प्राचीन मंदिर को जीर्णाेद्धार के बाद नया स्वरूप प्रदान करने का कार्य भी पूरा हो चुका है।
इसी बीच चौपाल के एसडीएम नारायण सिंह चौहान ने शिमला से चूड़धार के टेक ऑफ व लैंडिंग के सफल ट्रायल की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त शिमला भी चोटी पर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि सुबह नौ बजे के आसपास टेक ऑफ किया गया था। मंदिर में करीब दो घंटे बिताने के बाद प्रशासन वापस शिमला लौटा था।
उन्होंने कहा कि जल्द ही ये सुविधा श्रद्धालुओं के लिए भी शुरू करने की कवायद तेज कर दी गई है। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अगले सीजन से श्रद्धालुओं को हवाई यात्रा रियायती दरों पर उपलब्ध हो जाएंगी।
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