कालाढूंगी में नरभक्षी मादा गुलदार पिंजरे में कैद 

कालाढूंगी में नरभक्षी मादा गुलदार पिंजरे में कैद 

कालाढूंगी, अमृत विचार। रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी रेंज में पांच साल की मासूम को निवाला बनाने वाली मादा गुलदार आखिरकार 27 दिन बाद वन विभाग के पिंजरे में कैद हो गई। बीते 2 नवंबर को 5 साल की मासूम को गुलदार ने अपना निवाला बनाया था।

बीते 2 नवंबर गुरुवार शाम करीब 7 बजे पांच वर्षीय गौरी पुत्री राजू गैड़ा निवासी वार्ड नं 1  आंगन में अपनी बहनों के साथ खेल रही थी। साथ ही मां गुड्डी घर के पीछे नल पर हाथ-पैर धो रही थीं। तभी घात लगाया गुलदार गौरी को जबड़े में दबाकर उठा ले गया था। बाद में घर से कुछ दूरी पर मासूम का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था। इस घटना से लोगों में दहशत के साथ ही खासा आक्रोश भी था। घटना के बाद वन विभाग की टीम ने घटनास्थल के आसपास पांच पिंजरे व तीन ट्रैप कैमरे लगाकर गुलदार को पकड़ने की योजना बनाई थी।

घटना के दूसरे दिन गुलदार पिंजरे के पास आने के बाद लौट गया था। इसके बाद से गुलदार लगातार आबादी क्षेत्र में दस्तक दे रहा था। लोग भी गुलदार को लेकर काफी दहशत में थे। वन विभाग को गुलदार को पकड़ने के लिए क्षेत्रवासियों का गुस्सा झेलने के साथ ही कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

बुधवार सुबह वन विभाग को सफलता मिल गई। निहाल बीट में मेथिसाह नाले के पास लगाए गए पिंजरे में गुलदार के कैद होने की सूचना पर गुलदार को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। वनकर्मियों ने घेरा बनाकर लोगों को पिंजरे तक जाने से रोका। पिंजरे में कैद गुलदार जोरों से दहाड़ रहा था। गुलदार को वाहन से रेस्क्यू सेंटर ढेला रामनगर भेजा गया। जहां पशु चिकित्सक दुष्यंत कुमार ने गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण किया।

वन क्षेत्राधिकारी मुकेश जोशी ने बताया कि बच्चे को निवाला बनाने वाली मादा गुलदार है और इसकी उम्र 4 वर्ष है। उन्होंने कहा कि ट्रैप कैमरे में बार-बार इस गुलदार की आवाजाही देखी जा रही थी। जिससे साफ है कि यह वही गुलदार है जिसने मासूम गौरी को अपना शिकार बनाया था।