लखनऊ: छठे टॉफ्ट वाइल्डलाइफ टूरिज्म अवार्ड्स में यूपी को मिले तीन पुरस्कार, जानिए क्या बोले पर्यटन मंत्री
लखनऊ। वन्यजीव पर्यटन पुरस्कार टॉफ्ट सैंक्चुअरी नेचर फाउण्डेशन तथा पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्ववधान में नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में आयोजित छठे टॉफ्ट वन्यजीव पर्यटन पुरस्कारों में पर्यावरण एवं वन्यजीव में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उत्तर प्रदेश को तीन पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश समृद्ध जैव-विविधता और प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है, जिसके कारण पर्यावरण एवं वन्यजीव पर्यटन के लिए एक आदर्श गन्तव्य स्थल के रूप में विख्यात है।
राज्य में कई संरक्षित क्षेत्र, राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभ्यारण्य हैं, जो पर्यटकों को वन्यजीवों को नजदीक से देखने और प्राकृतिक सुन्दरता का अनुभव कराने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि इन पुरस्कारों के लिए उत्तर प्रदेश को नामित करने से राज्य में पर्यावरण पर्यटन तथा ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण एवं प्राकृतिक पर्यावासों को खूबसूरत बनाये रखने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। इसके साथ ही जल, जमीन और जंगल को बचाये रखने के लिए काम किया जा रहा है, जो समन्वित रूप से उत्तर प्रदेश को पर्यावरण पर्यटन के लिए उपयुक्त बनाते हैं। इसके साथ ही इन स्थलों को देखने के लिए बेहतर कनेक्टीविटी तथा उच्चस्तर की कानून व्यवस्था भी है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार के क्षमता निर्माण आयोग के सदस्य प्रशासन प्रवीण परदेशी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। पीलीभीत टाइगर रिजर्व को ट्रांसफार्मेटिव ससटेनेबल टूरिज़म पोटेनशियल के लिए ‘कैलाश सांखला पुरस्कार’ भी मिला है। यह नया पुरस्कार बाघों के आवासों के संरक्षण और स्थानीय समुदाय के समर्थन से एकीकृत वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दिया गया। इस वर्ष पुरस्कारों के आयोजन में उत्तर प्रदेश पर्यटन एक भागीदार राज्य के रूप में शामिल था।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मेला कोठी-चंबल सफारी लॉज, उत्तर प्रदेश को उत्कृष्ट पग रेटिंग लॉज के लिए संयुक्त विजेता के रूप में सम्मानित किया गया है। यह लॉज अपने उत्कृष्ट पग प्रमाणन के लिए समर्पित है, जो क्षेत्र की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत में एक गहन अनुभव प्रदान करता है। पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, पर्यावरणीय प्रबंधन और सांस्कृतिक अन्वेषण का एक सामंजस्यपूर्ण मिश्रण पेश करता हैं।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि अमिथ बांगरे को वर्ष 2023 के लिए संयुक्त विजेता के रूप में लॉज नेचुरलिस्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। अमित जागीर मनोर- आईएचसीएस सेलेक्शन्स, दुधवा में मुख्य प्रकृतिवादी हैं, एक प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी के रूप में वो 20 वर्षों का अनुभव रखते हैं। अमिथ की श्द एन्डेंजर्ड एटीनश् और ‘उधबिलाव झील प्रोग्राम’ जैसी पहल लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए जागरूकता बढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
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