67 महिलाओं को मिला गंगा सम्मान, स्वतंत्रदेव सिंह बोले - PM मोदी के नेतृत्व में सुद्ढ़ हुई नदियों की स्थिति    

67 महिलाओं को मिला गंगा सम्मान, स्वतंत्रदेव सिंह बोले - PM मोदी के नेतृत्व में सुद्ढ़ हुई नदियों की स्थिति    

अमृत विचार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश जल निगम (ग्रामीण) मुख्यालय में बने नए प्रशासनिक भवन और अमृत वाटिका का उद्घाटन किया। इस अवसर पर स्वतंत्रदेव सिंह ने गंगा और उसकी सहायक नदियों की अविरलता, निर्मलता और संरक्षण को लेकर उत्कृष्ट कार्य करने वाली नमामि गंगे मिशन में चयनित 67 गंगा प्रहरी महिलाओं को गंगा सम्मान पुरस्कार से सम्मानित भी किया। इन महिलाओं में नमामि गंगे की जिला परियोजना अधिकारी, ग्राम सचिव, ग्राम प्रधान प्रधानाध्यापक, चिकित्सक, समाजसेवी संस्थाओं की पदाधिकारी समेत कई अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल है। इस मौके पर जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने गंगा सम्मान पुरस्कार से सम्मानित महिलाओं को बधाई दी और कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश की सभी नदियों की स्थिति सुदृढ़ और प्रवाह निर्मल हुआ है।

बता दें कि नमामि गंगे मिशन के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रदेश में जिला गंगा समितियों का गठन किया गया है। इस समिति में गंगा प्रहरी के तौर पर प्रदेश में गंगा और उसकी सहायक नदियों की अविरलता, निर्मलता और संरक्षण के लिए लोगों से सहयोग लेने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम करना और राज्य स्वच्छता गंगा मिशन के तहत उन्हें क्षेत्र की नदी और तालाबों की अविरलता, निर्मल और स्वच्छ करने की जिम्मेदारी दी गई। वहीं गंगा प्रहरियों ने विभाग की ओर से मिली जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए जल संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर महिलाओं को प्रोत्साहित किया। साथ ही गंगा और सहायक नदियों के संरक्षण में भी उत्कृष्ट कार्य किया। इसको लेकर नमामि गंगे मिशन में चयनित 67 महिलाओं को आज गंगा सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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सम्मान समारोह के दौरान महिलाओं ने गंगा और उसकी सहायक नदियों की अविरलता, निर्मलता और संरक्षण को लेकर किये गए कार्यों के अनुभवों को साझा किया। स्वतंत्रदेव सिंह ने गंगा स्वछता में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि नदी स्वच्छता में इनके प्रयास से अमूलचूल परिवर्तन आया है। आप लोगों के बिना गंगा की सफाई का कार्य नहीं हो सकता है। प्रदेश ने शहरी सीवरेज और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन ने प्रगति की है। लगातार लोगों को जागरूक करने के प्रयास किया जा रहा है। साथ ही छोटी नदियों का कायाकल्प हो रहा है। ऐसे में जिस प्रगति का जश्न आज हम मना रहे है वो महिलाओं के समर्पण का ही परिणाम है।

वहीं इस दौरान गंगा सम्मान पुरस्कार से सम्मानित महिलाएं काफी उत्साहित नजर आईं। उन्होंने अमृत विचार से बात करते हुए बताया कि गंगा और उसकी सहायक नदियों की निर्मलता और संरक्षण को लेकर वह सभी अपने क्षेत्रों में कई सालों से काम कर रहे है। इसको लेकर उन्होंने स्थानीय स्तर पर जगह जगह जागरूकता कार्यक्रम का भी आयोजन किया।

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