एफटीए वार्ता से यूरोपीय संघ के साथ आईसीटी विवाद सुलझाने की कोशिश में भारत

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। भारत यूरोपीय संघ के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के जरिये कुछ सूचना और प्रौद्योगिकी उत्पादों (आईसीटी) पर डब्ल्यूटीओ आयात शुल्क विवाद को सुलझाना चाहता है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के विवाद निपटान पैनल ने 17 अप्रैल को एक फैसले में कहा था कि भारत मोबाइल फोन एवं उपकरणों, बेस स्टेशनों, इंटिग्रेटेड सर्किट (आईसी) और ऑप्टिकल उपकरणों जैसे आईसीटी उत्पादों पर आयात शुल्क लगाकर वैश्विक व्यापार मानदंडों का उल्लंघन कर रहा है। भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) डब्ल्यूटीओ के दायरे से बाहर इस मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं।

अधिकारी ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते को लेकर चल रही चर्चा के तहत यूरोपीय संघ ने इन वस्तुओं पर भारत से शुल्क रियायतों की मांग की है। वहीं, भारत का कहना है कि अगर छूट केवल ईयू को दी गई तो यह डब्ल्यूटीओ नियमों का उल्लंघन होगा। अधिकारी ने कहा, ''वे शुल्क रियायतें मांग रहे हैं, जिस पर भारत के अनुसार केवल मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत चर्चा की जा सकती है।

भारत एफटीए के तहत कुछ मुद्दों पर विचार कर सकता है, लेकिन सर्वाधिक तरजीही देश (एमएफएन) के आधार पर नहीं।'' अधिकारी के मुताबिक, एमएफएन आधार के तहत डब्ल्यूटीओ सदस्य देश किसी अन्य एक देश या क्षेत्र को वस्तुओं के आयात शुल्क में रियायत नहीं दे सकता, क्योंकि यह वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन होगा।

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