SGPGI Fire: एक महीने के बच्चे की मौत पर छलका नाना का दर्द, कहा- लोग पहले अपनी जान बचाते या मेरे बच्चे की

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। एक महीने का बच्चा था। दिल में छेद था उसके। 11 तारीख को सीवीटीएस विभाग में भर्ती किया था। आज 10 बजे बच्चे को सर्जरी के लिए आपरेशन थियेटर में ले गए थे। डॉक्टरों ने कहा था 6 घंटे ऑपरेशन चलेगा, लेकिन 2 घंटे बाद ही आग लगने की घटना हो गई और सब लोग वहां से भागने लगे। यह कहना है परिजन राम सूजन यादव का। 

उन्होंने बताया कि जब आग लगी, तो ओटी समेत चारो तरफ धुंआ ही धुंआ फैल गया था। सब लोग वहां से अपनी जान बचा कर भाग रहे थे। बच्चे को किसे ख्याल रहा होगा। हम लोगों तो कई घंटे बाद बताया कि आपके बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि अभी बच्चे का नाम भी नहीं रख पाए थे। मां नेहा के नाम पर ही बुलाया जाता था।

चारों तरफ सिर्फ शोर और धुंआ
गोरखपुर से आए अभिनव तिवारी ने बताया कि उनकी मां का आज ऑपरेशन होना था। उन्हें ऑपरेशन के लिए अंदर ले जाया गया था कि तभी चारों तरफ शोर सुनाई पड़ने लगा। जब मैं बाहर जाकर देखा तो लोग इधर-उधर भाग रहे थे और चारों तरफ धुंआ ही धुंआ था। 

मौके पर मरीज और तीमारदार सभी चिल्ला रहे थे, बाहर निकाले गए कुछ लोगों के हाथ में नीडल लगी हुई थी तो कुछ लोगों के हाथ में बोतल। इस दौरान ऐसे भी मरीज थे जो बहुत गंभीर स्थिति में थे उन्हें स्ट्रेचर और ट्राली के जरिए बाहर निकाला जा रहा था। अभिनव ने बताया कि उनकी मां को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। बाकी मरीजों को भी यहां से दूसरे वार्ड में भेजा गया है।

देवरिया जिले से एसजीपीजीआई में अपने पिता का इलाज करने पहुंचे आशुतोष ने बताया कि आज उनके पिता उमेश यादव की सर्जरी होनी थी जिसके लिए ओटी में उन्हें लाया गया था। आग लगने के बाद उन्हें घर जाने के लिए कह दिया गया है।

क्या बोले एसजीपीजीआई के निदेशक...

एसजीपीजीआई के निदेशक डॉक्टर आरके धीमान ने बताया कि आज संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के OT 1 मे अपराह्न 12.40 पर monitor में spark होने के कारण आग लग गई। आग पहले work station पर और फिर OT मे फैल गयी। Institute fire system तुरंत सक्रिय हुआ और hydrant system का प्रयोग करते हुए आग पर काबू पाया गया। वहां मौजूद सभी मरीजो को post operative ICU मे shift किया गया।

एक महिला रोगी, जिसकी एन्डोसर्जरी ओ टी में सर्जरी चल रही, को बचाया नहीं जा सका। साथ ही एक बच्चे को, जिसकी ह्रदय की सर्जरी हो रही थी, अत्यधिक धुएं के कारण वहां से निकाल कर डायलिसिस ICU में लाकर resuscitate  किया गया, किन्तु हम उसे बचा नही पाये। मामले की जांच के आदेश दे दिये गये हैं।

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