अल्मोड़ा: चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे अल्मोड़ा जिले में सीएचसी 

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Published By Bhupesh Kanaujia
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अल्मोड़ा, अमृत विचार। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के सरकार लाख दावे क्यों ना करे। लेकिन सच्चाई बिल्कुल इसके उलट हैं। करोड़ों रुपये खर्च कर हर तहसील में सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रों की स्थापना कर वहां महंगी महंगी मशीनें तो लगा दी गई है। लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों और तकनीशियनों की तैनाती ना होने के कारण आज भी रोगियों को उपचार के लिए बड़े महानगरों की दौड़ लगानी पड़ रही है।

अल्मोड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके। इसके लिए चिकित्सा विभाग ने जिले के देवालय, देघाट, जैंती, लमगड़ा, द्वाराहाट, चौखुटिया, भिकियासैंण और धौलादेवी, सोमेश्वर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की। इन अस्पतालों में महंगी मशीनों की स्थापना के साथ ही ऑपरेशन थिएटर भी बनाए गए। लेकिन इनमें एक एक भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एनेस्थेटिक की तैनाती नहीं हो पाई है।

जबकि कई अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक व सर्जन भी उपलब्ध नहीं हैं। जिले के द्वाराहाट और चौखुटिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में करीब 10 वर्ष पूर्व अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदी गई थी।लेकिन इनके संचालन के लिए यहां रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती अब तक नहीं हो सकी है।

अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के पद ही सृजित नहीं हैं। ऐसे में अब ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उपचार के लिए बड़े महानगरों के महंगे निजी चिकित्सालयों की शरण लेनी पड़ रही है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आरसी पंत का कहना है कि नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सर्जन और बेहोशी के डॉक्टर नहीं हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की जिले में कमी है। इनकी नियुक्ति शासन स्तर पर ही संभव है। हालांकि समय-समय पर जिला स्तर से पत्राचार कर मांग की जाती है। 

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