पीड़ित परिवार बोला : न्याय तो मिला, लेकिन पूरा नहीं, मुख्य आरोपी ही दोष मुक्त

हत्याकांड के बाद पूर्व प्रधान का परिवार ही गांव में मौजूद, 9 नवंबर 2016 में गांव छाबड़ा में हुई थी एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या

पीड़ित परिवार बोला : न्याय तो मिला, लेकिन पूरा नहीं, मुख्य आरोपी ही दोष मुक्त

संभल/चन्दौसी/कुढ़फतेहगढ़, अमृत विचार। कुढ़फतेहगढ़ क्षेत्र के गांव छाबड़ा में 9 नवंबर 2016 को ग्राम प्रधान के चुनाव की रंजिश में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या के मामले में अदालत ने चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। लेकिन इस फैसले से पीड़ित परिवार पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है। पीड़ित परिवार का कहना है कि न्याय तो मिला, लेकिन पूरा न्याय नहीं मिला। हत्याकांड का मुख्य आरोपी ही दोष मुक्त हो गया है। 

वर्ष 2015 में अक्टूबर व नवंबर में ग्राम प्रधान का चुनाव हुआ था। इसमें शकुंतला देवी पत्नी विशंभर ने महेश को 270 वोट से हराकर जीत हासिल की थी। चुनाव के एक साल बाद 9 नवंबर 2016 को महेश समेत उसके परिवार के लोगों ने घर में घुस कर ग्राम प्रधान शकुंतला देवी, उनके पति विशंभर समेत बेटे सुनील व सुशील की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में महेश समेत परिवार के 13 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामला अपर जिला सत्र न्यायाधीश मुरादाबाद की अदालत में चल रहा था।

 न्यायालय ने मंगलवार को आरोपी महेश, सुरेश, विपिन, कृष्ण पाल को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित कर लिया है। अन्य अभियुक्त गोविंदा, दुष्यंत, अमन, प्रियंका, विपिन पुत्र सतीश, आलोक कुमार को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर दिया है। मृतक शकुंतला देवी के सबसे छोटे पुत्र कौशल चौहान अपनी पत्नी व तीन साल की बेटी के साथ गांव में रहते हैं। कौशल ने बताया कि वह भी ग्राम प्रधान रहे हैं। इस मामले में उन्हें न्यायालय से पूरा न्याय मिलने की उम्मीद थी। न्याय तो मिला, लेकिन पूरा न्याय नहीं मिला। मुख्य आरोपी गोविंदा था। जिसे दोष मुक्त कर दिया गया है। 

सात साल से दहशत में है पूर्व प्रधान का परिवार 
चन्दौसी, अमृत विचार: पूर्व प्रधान कौशल चौहान ने बताया कि परिवार में माता-पिता व भाइयों की हत्या के बाद से दहशत है। पूर्व में उनके घर पर दो बार चढ़ाई की गई थी। उस समय घर पर चढ़ाई करने का प्रकरण सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था। पुलिस को मामले से अवगत कराते हुए फुटेज भी दिखाई थी। जिसे कोर्ट में भी पेश किया गया था। लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया। जबकि कई बार उस पर हमला करने की कोशिश गई थी। बताया कि अभी अभियुक्त पक्ष से मंगलवार की शाम तक कोई गांव में नहीं पहुंचा है। कभी भी उस पर और उसके परिवार पर हमला हो सकता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। हत्याकांड की प्रत्यक्षदर्शी बहनें रुचि व सुरुचि की शादी हो चुकी है। वह अपने-अपने परिवार के साथ हैं। 

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