प्रयागराज : ठंड के साथ बढ़ी गलन, नहीं बने रैन बसेरे - सड़क पर ठिठुर रहे लोग
प्रयागराज, अमृत विचार। ठंड में हर कोई अपने लिए छत की तलाश करता है। लेकिन जिनके पास छत नहीं है वह रैन बसेरों की तलाश करता है। हर साल की तरह इस बार भी जिला प्रशासन को अब तक रैन बसेरों को बनवा देना चाहिए, लेकिन अब तक रैन बसेरे नहीं बनाए गए हैं। बढ़ती ठंड में सड़क के किनारे पटरियों पर रात गुजारने वालों की सुध न तो नगर निगम प्रशासन ले रहा है और न तो जिला प्रशासन। ऐसे में सड़क के किनारे सोने वालों को काफी दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है।
ठंड ने दस्तक दे दी है। गलन के साथ रात में सर्द हवाएं भी बह रही है। सड़क के किनारे पटरियों पर रात गुजारने वालों की सुध जिला प्रशासन और नगर निगम ने अभी तक नहीं ली है। रैन बसेरों के न बनाये जाने से सड़क पर रात गुजारने वालों को सर्द रातों में ठिठूरना पड़ रहा है। शहर में आने वाले मुसाफिरों को गलन भरी ठंड में रात किसी होटल या खुले आसमान के नीचे बिताने पड़ती है।
नियम और शर्तों का करना होगा पालन
नगर निगम के द्वारा रैन बसेरा का निर्माण कराया जा रहा है। बगैर किसी शुल्क के यहां पर लोग आराम से रह सकते हैं। यहां रात रुकने के लिए कुछ नियम व शर्तें हैं जिनका पालन हर किसी को करना होगा। रैन बसेरा में महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग कम्पार्टमेंट बनाए जाएगे हैं। लेटने के लिए गद्दा व ओढ़ने के लिए रजाई जाएगी। रैन बसेरा गेट के सामने अलाव की भी व्यवस्था भी जा जाएगी है। यह तैयारी शुरु होने जा रही है। - गणेश केसरवानी, महापौर प्रयागराज
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