पीलीभीत: रिश्वत लेते धरा गया दरोगा... जेब से बरामद 6510 रुपये का भी नहीं दे सका संतोषजनक जवाब, भेजा गया जेल 

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Published By Vikas Babu
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पीलीभीत, अमृत विचार: एंटी करप्शन टीम द्वारा बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया दरोगा महेंद्र सिंह यादव दूसरे दिन जेल भेज दिया गया।  रिश्वत में लिए बीस हजार के अलावा उसके पास से बरामद किए गए 6510 रुपये का भी वह कोई हिसाब नहीं दे सका।इसे लेकर पूछताछ चलती रही लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर यह रुपये भी रिश्वत से कमाने का अंदेशा बना रहा। दर्ज कराई गई रिपोर्ट में भी इसका जिक्र खुलकर किया गया है।

बता दें कि एक माह पूर्व अमरिया थाने में कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे की विवेचना के दौरान दरोगा महेंद्र सिंह यादव ने आरोपी अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के दौराहट थाना क्षेत्र के गांव गवाड़ निवासी अजय पांडेय से बीस हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।  

अजय पांडे ने एंटी करप्शन बरेली कार्यालय में लिखित शिकायत की। जिसके बाद टीम ने पहले दरोगा की छवि को लेकर गोपनीय जांच की, जिसमें वह भ्रष्ट छवि का निकला। फिर पूरी तैयारी के साथ टीम ने अमरिया से दरोगा को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया था। उसके कब्जे से रिश्वत में लिए बीस हजार रुपये भी बरामद हो गए थे।  

सुनगढ़ी थाने में देर रात भ्रष्टाचार निवारण संगठन इकाई बरेली के निरीक्षक प्रवीण सान्याल की ओर से रिपोर्ट दर्ज की। बताते हैं कि तलाशी के दौरान दरोगा की जेब से 6510 रुपये अन्य भी निकले। इन रुपयों का भी दरोगा कोई हिसाब नहीं दे सके, न ही इसे लेकर कोई संतोषजनक जवाब मिला। जिससे इन रुपयों को भी रिश्वत ही माना जाता रहा।  रात को ही टीम आरोपी दरोगा को बरेली ले गई। मंगलवार को कोर्ट में पेश करके उसे जेल भेज दिया है।

22 दिसंबर को हुई थी शिकायत, सुनाया था ये दुखड़ा
दरोगा की रिश्वतखोरी की शिकायत करने के लिए जब 22 दिसंबर को उत्तराखंड निवासी अजय पांडे एंटी करप्शन के बरेली कार्यालय गए थे तो उन्होंने अपनी बात रखी थी। ये बताया था कि सामूहिक दुष्कर्म का उन पर लिखाया गया कोर्ट के आदेश पर मुकदमा पेशबंदी से जुड़ा है। वर्ष 2020 में 138 एनआई एक्ट के तहत उन्होंने अमरिया क्षेत्र के एक व्यक्ति पर वाद दर्ज कराया था जोकि न्यायालय में विचाराधीन है। इसी को लेकर उक्त व्यक्ति ने दबाव बनाने के लिए अपनी पत्नी की ओर से 15 नवंबर 2011 को एफआईआर करा दी है। रुपये  ना देने पर दरोगा मुश्किल में पड़ने की धमकी दे रहा है।

रिश्वत में दिए नोटों के नंबर भी किए गए थे नोट
एंटी करप्शन टीम ने दरोगा की धरपकड़ करने से पहले साक्ष्य जुटाने को लेकर पूरी तैयारी कर ली थी। रिश्वत के तौर पर दरोगा को दिए जाने वाले नोटों पर केमिकल लगाने के साथ ही एक-एक नोट के नंबर भी नोट कर लिए थे। धरपकड़ के बाद बरामद नोटों से इनका मिलान भी किया गया।

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