रायबरेली: कांग्रेस शिया मुस्लिमों को बनाएगी वोट बैंक

नई रणनीति के तहत लोकसभा के लिए हो रहा होमवर्क 

रायबरेली: कांग्रेस शिया मुस्लिमों को बनाएगी वोट बैंक

अमृत विचार, रायबरेली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का होमवर्क तेज हो गया है। पार्टी अपने पुराने कैडर वोट को जुटाने में लगी है। इसी के चलते शिया मुस्लिम को पार्टी से जोड़ा जाएगा। इसके लिए देश भर में अभियान चलेगा। पार्टी के कई बड़े शिया चेहरे इसमें लगेंगे। थिंकटैंक को उम्मीद है कि शिया मुस्लिम के जुड़ने से उत्तर प्रदेश के रुहेलखंड में पार्टी को मजबूती मिलेगी। 80 के दशक में रुहेलखंड कांग्रेस के गढ़ रहा था लेकिन अब यह किला दरक गया है। इसी के चलते अब नई रणनीति पर काम करना शुरू किया गया है।

रायबरेली कांग्रेस का अभेद्य गढ़ रहा है। पिछले 19 साल से कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी सांसद हैं। इस बार चुनाव में उन्हीं के उतरने की पूरी संभावना है। वहीं प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं का फोकस रायबरेली और अमेठी है। कांग्रेस पार्टी अब लोकसभा चुनाव को लेकर नई रणनीति अमल में लाने जा रही है। शिया मुस्लिमों को पार्टी से जोड़ा जाएगा। इसके लिए पूरे देश में बड़े स्तर पर काम होगा।

देश प्रदेश में शिया मुस्लिम समाज को कांग्रेस से जोड़ने के अभियान के तहत उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव नावेद नकवी ने इस बात का खुलासा किया है। उनका कहना है कि शिया मुस्लिम समुदाय कांग्रेस का वोटर रहा है और लोकसभा चुनाव में इसे कांग्रेस में जोड़ने के लिए बड़े स्तर पर काम किया जाएगा। रायबरेली में भी शिया मुस्लिम की संख्या अच्छी है। खासकर ऊंचाहार में शिया मुस्लिम हैं जो कांग्रेस का साथ देते रहे हैं। इसी तरह प्रदेश के कई जिले हैं जिनमें इनका साथ पार्टी को अच्छी स्थिति में खड़ी कर देगी।

गौरतलब है कि वेस्ट यूपी मुस्लिम बहुल माना जाता है। यहां की सहारनपुर, मेरठ, कैराना, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बुलंदशहर, अलीगढ़ सहित 29 लोकसभा सीटें अल्पसंख्यक बहुल खासकर मुस्लिम की अधिक आबादी वाली सीटों में शुमार हैं। इन सीटों में से सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, नगीना, रामपुर में शिया मुस्लिमों की संख्या ठीक है। कभी यह सभी सीटें कांग्रेस के पास थीं लेकिन 1989 के बाद से यह सभी सीटें खिसक गई और सपा, बसपा और भाजपा ने इस पर दबदबा बना लिया। कांग्रेस एक बार फिर से पुरानी सीटों को जीतने के लिए सारे कील कांटे दुरुस्त कर रही है। इसके लिए फ्रंटल संगठन के साथ मुख्य कार्यकारिणी को भी लगाया जा रहा है।

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