बदायूं: महिला अस्पताल में तैनात चिकित्सकों के कार्यस्थलों की होगी जांच, कमिश्नर से शिकायत

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Published By Om Parkash chaubey
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सीएमएस ने जांच अधिकारी डीआरओ को सौंपी सूची, जांच हुई शुरू होते ही चिकित्सकों में मची खलबली

बदायूं, अमृत विचार : जिला महिला अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले में मंडलायुक्त के आदेश पर जांच शुरू हो गयी है। जिलाधिकारी ने डीआरओ को जांच सौंप कर दूध का दूध पानी का पानी करने के आदेश दिए हैं। जांच शुरू होते ही डॉक्टरों में खलबली मच गई है। सीएमएस ने डॉक्टरों की सूची डीआरओ को सौंपी है। जिसके बाद अब डॉक्टरों के कार्यस्थल की जांच की जाएगी।

जिला महिला अस्पताल में हर स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। कई बार सामाजिक संगठनों ने यहां पर होने वाली अवैध वसूली की शिकायत सीएमओ एवं जिला प्रशासन से की थी। हर बार मामला रफा दफा कर दिया गया। महिला अस्पताल में गर्भवती महिलाओं से अवैध वसूली को लेकर कई बार हंगामा हो चुका है।

मनमानी फीस नहीं देने पर या तो गर्भवती को नुकसान पहुंचाया जाता है या फिर उसके पेट में पल रहे शिशु को इस दुनिया में आने से पहले ही स्वर्ग भेज दिया जाता है। इस तरह की अनेकों घटनाएं अब तक सामने आ चुकी हैं। कार्यवाही कभी नहीं की गयी। इतना ही  नहीं यहां पर महिला चिकित्सक तो हैं मगर वह महिला अस्पताल की जगह प्राइवेट नर्सिंग होम में सेवाएं अधिक दे रही हैं।

डॉक्टरों के न होने से यहां पर महिला मरीजों का जमघट लगा रहता है। जिला महिला अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत युवा मंच संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता ने बरेली जाकर मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल से की थी। ध्रुव देव गुप्ता ने मंडलायुक्त को 12 नवम्बर को शिकायती पत्र देकर भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की थी। कमिश्नर सौम्या अग्रवाल ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी मनोज कुमार को मामले की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी ने अब इस भ्रष्टाचार की चांज डीआरओ जीत सिंह को सौंपी है। जांच अधिकारी जीत सिंह ने सीएमएस डॉ. इंदु कांत वर्मा से डॉक्टरों की सूची मांगी है। सीएमएस ने डॉक्टरों की सूची उपलब्ध करा दी है। जांच अधिकारी अब डॉक्टरों के कार्यस्थल की जांच करेंगे। गर्भवती महिलाओं से अवैध वसूली के मामले पर भी महिला स्टाफ नर्स एवं महिला चिकित्सकों से अलग अलग बात करेंगे।

जिला महिला अस्पताल के बारे में शिकायत की गयी है। डॉक्टरों की सूची जांच अधिकारी को सौंपी गयी है। अब वही इस मामले में जांच करेंगे। इस मामले में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। किसी को बचाने या किसी को फ़साने का मतलब ही नहीं है। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी द्वार कमिश्नर को भेजी जाएगी।- डॉ. इंदु कांत वर्मा - सीएमएस

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