यहां तो घरेलू बिजली से चार्ज होती है ई-रिक्शा, कार, बाइक की बैट्री

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Published By Jagat Mishra
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घरेलू बिजली का व्यवसायिक उपयोग कर विभाग का हो रहा लाखों का नुकसान

लक्ष्मण प्रसाद वर्मा / अमेठी, अमृत विचार। जिले में ई-रिक्शा, इलेक्ट्रिक कार, बाइक सहित तमाम वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहा है, लेकिन इसके बैट्री को चार्ज करने के लिए कोई चार्जिंग स्टेशन नहीं है। वाहन स्वामी और चालक अपने घरेलू बिजली से ही इसे चार्ज कर रहे हैं। मसलन घरेलू बिजली का व्यावसायिक कार्य के लिए प्रयोग किया जा रहा है। बावजूद नियम विरुद्ध हो रहे चार्जिंग और व्यवस्था को लेकर बिजली विभाग और सहायक संभागीय परिवहन विभाग उदासीन बना है। यूं तो जिले में 3542 पैसेंजर ई रिक्शा, 313 गुड्स ई रिक्शा, टू व्हीलर 37, चार पहिया 2, वैन टाइप के 5 व एक अन्य गुड्स ई रिक्शा पंजीकृत है, इसके बाद हजारों ई-रिक्शा बिना पंजीकृत नियम विरुद्ध चल रहे हैं। इन ई-रिक्शा की बैट्री चार्जिंग के लिए जगह-जगह चार्जिंग स्टेशन होना चाहिए, ताकि चालक बैट्री चार्ज करा सकें। इसके अभाव में वह विवश होकर घरेलू बिजली का उपयोग करते हैं। कई बार तो बिजली नहीं रहने के कारण बैट्री चार्ज नहीं हो पाती है और ई-रिक्शा खड़े हो जाते है। ऐसे में ई-रिक्शा सड़क पर नहीं निकलने से चालकों को रोजी का संकट भी उत्पन्न हो जाता है। बारिश के मौसम में तो इनके समक्ष और भी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।


बिजली विभाग को चूना लगा रहे ई-रिक्शा व इलेक्ट्रिक वाहन
ई-रिक्शा में चार बैट्री होती है। इसे चार्ज करने के लिए सात से आठ घंटे लगते हैं, जिसमें करीब आठ यूनिट बिजली खर्च होती है। ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू बिजली का दर 4.95 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि व्यावसायिक दर ग्रामीण में 7.20 रुपये प्रति यूनिट और शहरी क्षेत्र में 6.80 रुपये प्रति यूनिट दर निर्धारित है, लेकिन घरेलू बिजली का व्यावसायिक रूप में इस्तेमाल से विभाग को प्रतिमाह लाखों रुपये का चूना लग रहा है। 

55 से 70 किमी तक चलता है ई-रिक्शा 
नाम न छापने की शर्त पर एक ई रिक्शा चालक ने बताया कि बैट्री के उपयोग पर निर्भर करता है कि कितने किलोमीटर चलेगा। आठ घंटे में चार्ज करने के बाद अगर सवारी फुल मिलती है, तो कुल 55 से 70 किमी चलती है। नहीं तो 80-90 किमी. तक खिंच जाता है। जब बैट्री खत्म होने वाली रहती है, तब भी ई-रिक्शा चार किलोमीटर तक चल जाता है।

बोले जिम्मेदार 
व्यावसायिक कार्य के लिए घरेलू बिजली का उपयोग करना नियम विरुद्ध है। जैसे इलेक्ट्रिक बसों के लिए परिवहन विभाग ने चार्जिंग पॉइंट बना रखे हैं, वैसे ही प्रवर्तन विभाग को भी चार्जिंग पॉइंट बनाना चाहिए, इसके बाद बिजली विभाग से कनेक्शन लेकर निर्धारित बिल को जमा करना चाहिए। घरेलू बिजली को व्यावसायिक में उपयोग किया जा रहा है तो इसकी गोपनीय जांच कराई जाएगी। ..ललित कृष्ण, अधीक्षण अभियंता

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