बाराबंकी : तापमान में गिरावट ने बढ़ाई ठंड, प्रशासनिक दावे हुए फेल 

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Published By Jagat Mishra
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तहसील क्षेत्रों में निभाई जा रही औपचारिकता, कंबल वितरण तो दूर अलाव तक ही व्यवस्थाएं फेल

बाराबंकी, अमृत विचार। जिले में सर्दी का सितम जारी है। पिछले दो दिनों में अधिकतम तापमान में कमी आने से ठंड बढ़ गई है। भीषण शीतलहर के चलते लोग पूरे दिन ठंड से ठिठुरते रहे। सर्दी से बचने के लिए किसी ने अलाव का सहारा लिया तो कोई चाय पीकर ठंड से बचाव करते देखा गया। पूरे दिन आकाश में बदरी छाई रही। शाम हाेते-हाेते ठंड का प्रकोप और बढ़ गया। इस सबके बीच प्रशासन के ठण्ड से बचने के तमाम दावे पूरी तरह फेल साबित हुए है। 

शनिवार की सुबह कोहरे व शीतलहर से हुई। दिन में धुंध और शाम को गलन के कारण लोग कांपते नजर आए। लगातार तीसरे दिन भगवान सूर्य का दर्शन नहीं हुए। दिन भर बदरी छाई रही, लेकिन ठंड ने पीछा नहीं छोड़ा। लोग घरों में ही दुबके रहे। कई स्थानों पर लोग अलाव जलाकर पूरा दिन काटते रहे। न्यूनतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 19.0 डिग्री सेल्सियस रहा। हल्की ओस की बूंदों ने जनजीवन को प्रभावित किया। दोपहर बाद बढ़ी ठंड का कहर शाम को पूरे चरम पर था। ठंड से बचाव के लिए राहगीरों के लिए अलाव ही एकमात्र सहारा नजर आ रहा था।

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किसानों की बढ़ी चिंता, फसल हो सकती है प्रभावित
मौसम खराब होने से आमजन को ठंड परेशान तो कर ही रही है, सबसे ज्यादा दिक्कत किसानों को है। सरसों में इन दिनों फूल आए हैं। ऐसे में यदि कोहरा ज्यादा दिन रहा तो उसमें माहू लगने की आशंका अधिक है। बदलापुर निवासी किसान भोलानाथ यादव, दिनेश तिवारी, जफराबाद निवासी किसान उमेश सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा आलू, सरसों, अरहर की फसलों में पाला लगने की आशंका अधिक है।

खोखले साबित हो रहे अलाव के दावे 
सभी तहसीलों को अलाव जलवाने के लिए 50-50 हजार रुपये की धनराशि जिला प्रशासन द्वारा आवंटित की गई है। लेकिन बजट मिलने के बाद भी अलाव ठंड़े पड़े हुए हैं। कही-कहीं तो अलाव जलाने के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही की गई है। नगर पंचायत राम सनेही घाट में आठ स्थानों में शामिल भिटरिया, सुमेरगंज, रैन बसेरा, जठबनी मोड़, बेलहा चौराहा, तहसील, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ब्लॉक बनी कोडर के पास अलाव के लिये जगह चिन्हित किया गया है। जिसमें अलाव सिर्फ खानापूर्ति के लिये है। लकड़ी नही तो कही लकड़ी में आग नहीं है। दरियाबाद के मेन चौराहा पर ही अलाव नहीं जल रहा है। वहीं प्रतापगंज बरवारी मोहल्ले में लोग स्वयं लकड़ी आदि खरीद कर अलाव की व्यवस्था कर रहे हैं। कोटवा सड़क में भी पुलिस बूथ के पास अलाव शो पीस बना हुआ दिखा। इसी तरह अन्य तहसील क्षेत्रों में ठंड के नाम पर प्रशासनिक व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठंडी दिख रही हैं।

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