हल्द्वानी: पहाड़ों में नहीं टर्फ पिच, हल्द्वानी में क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ी
गौरव तिवारी,अमृत विचार, हल्द्वानी। कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों की बात करें तो यहां के क्रिकेट खिलाड़ियों के पास एक भी टर्फ पिच का क्रिकेट मैदान नहीं उपलब्ध हैं। इसमें बागेश्वर, चंपावत पिथौरागढ़, अल्मोड़ा समेत अन्य क्रिकेट खिलाड़ी मजबूरन हल्द्वानी के क्रिकेट मैदानों में खेलने को मजबूर हैं।
हल्द्वानी के जीएनजी क्रिकेट ग्राऊंड और गौलापार के क्रिकेट ग्राऊंड में विभिन्न टूर्नामेंट और क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर होता रहता है लेकिन पहाड़ के क्रिकेट खिलाड़ियों के पास अपना खुद का क्रिकेट मैदान नहीं है।
क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए टर्फ पिच बहुत महत्वपूर्ण होती है।
टर्फ पिच की लंबाई 20.12 मीटर व चौड़ाई 3.05 मीटर तक की होती है। टर्फ पिच को पूरी तरह से काली मिट्टी से बनाई जाती है जो राजस्थान, मध्यप्रदेश अन्य राज्यों में पाई जाती है। टर्फ पिच गेंदबाज और बल्लेबाजों के अभ्यास के लिए सबसे अधिक उपयोगी साबित होती है लेकिन कुमाऊं के पहाड़ी हिस्सों में अभी तक एक भी टर्फ पिच का निर्माण नहीं हुआ है।
क्रिकेट खिलाड़ी टूर्नामेंट व अन्य क्रिकेट प्रतियोगिताओं के लिए हल्द्वानी आने को मजबूर हैं। इधर जिला प्रभारी क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की ने बताया कि निदेशालाय स्तर पर ही कुमाऊं के पहाड़ी इलाकों में क्रिकेट मैदानों को बनने की कवायद पूरी हो सकती है।
सालों से प्रस्तावित है बागेश्वर में क्रिकेट मैदान बनना
हल्द्वानी। बागेश्वर जिले में टर्फ पिच का क्रिकेट ग्राउंड बनना करीब 12 सालों से प्रस्तावित है, इसके लिए पूर्व मंत्री चंदन दास ने पहल की थी। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए बजट भी आवंटित हुआ लेकिन क्रिकेट ग्राउंड का निर्माण नहीं होने के चलते धन वापस हो गया। बागेश्वर के खिलाड़ी के पास अभ्यास करने के लिए वर्तमान में कोई टर्फ पिच स्तर का क्रिकेट मैदान नहीं मौजूद है। यहां के क्रिकेट खिलाड़ियों को मजबूरन हल्द्वानी के क्रिकेट ग्राउंड में आने को मजबूर है।
गौलापार के अंतरर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में नहीं हो सका कोई मैच
हल्द्वानी। गौलापार स्थित इंदिरा गांधी अंअंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में बने राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मैदान में अभी तक एक भी क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं कराया जा सका हैं। इसके उलट बात करें पूर्व में इसी क्रिकेट मैदान में खो-खो, वॉलीबाल, एथलेटिक्स समेत अन्य सारी प्रतियोगिताओं का आयोजन धड़ल्ले से होता रहा है। जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम से क्रिकेट आउट, पिच रिटायर्ड हर्ट हो चुका है।
कई सालों से पहाड़ी इलाकों में टर्फ पिच क्रिकेट मैदान की सख्त आवश्यकता है। क्रिकेट मैदान न होने के चलते यहां के खिलाड़ियों को मजबूरन बाहरी स्थानों पर जाना पड़ता हैं। क्रिकेट मैदान का निर्माण होने से पहाड़ के खिलाड़ियों को राहत मिलती।
-आर्यन बिष्ट, बागेश्वर क्रिकेट खिलाड़ी
क्रिकेट टूर्नामेंट व अभ्यास के लिए हल्द्वानी या फिर देहरादून के मैदानों में जाने को मजबूर हैं। पहाड़ पर क्रिकेट मैदान नहीं होने के चलते खिलाड़ियों को मजबूरन अन्य जगहों पर निर्भर होने को विवश हैं।
-हर्ष गोयल, सचिव अल्मोड़ा क्रिकेट एसोसिएशन
पहाड़ के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है बस आवश्यकता है तो संसाधन की खेल विभाग को पहाड़ के इलाकों में टर्फ पिच क्रिकेट मैदान निर्माण करवाना चाहिए जिससे खिलाड़ियों को सहूलियत मिल सके।
-कमल पपनै, कोषाध्यक्ष नैनीताल क्रिकेट एसोसिएशन
