Kanpur के Green Park Stadium में कभी हुआ करते थे मैच… अब स्टेडियम बदहाल, रखरखाव करना भी अधिकारियों ने किया बंद
कानपुर का ग्रीनपार्क स्टेडियम बदहाल हो गया।
कानपुर का ग्रीनपार्क स्टेडियम बदहाल हो गया। अधिकारियों ने रखरखाव करना भी बंद कर दिया है। स्टेडियम में कुर्सियां-जाली टूटीं, प्लेयर्स पवेलियन की सीढ़ियों के टाइल्स उखड़ रहे है।
कानपुर, (अभिषेक वर्मा)। अंतर्राष्ट्रीय मैचों का संकट झेल रहे ग्रीनपार्क स्टेडियम की हालत खराब होती जा रही है। टेस्ट, वन-डे और टी-20 तीनों फार्मेट के मैचों की मेजबानी क्या छिनी, अधिकारियों ने रखरखाव करना भी बंद कर दिया। स्टेडियम में दर्शक कुर्सियां और जालियां टूट गई हैं।
प्लेयर्स पवेलियन की सीढ़ियों के टाइल्स उखड़ रहे हैं। सीमेंट की सीढ़ियों पर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। सुविधाओं की कमी से युवा खिलाड़ी भी अब इस मैदान का मोह छोड़ रहे हैं। इसका असर उत्तर प्रदेश और कानपुर के क्रिकेट पर पड़ रहा है।
ग्रीनपार्क कहने के लिए वर्ल्ड क्लास स्टेडियम है। लेकिन, लखनऊ में इकाना स्टेडियम बनने के बाद से शहर को मिलने वाले क्रिकेट मैच छिन गये। पिछले दिनों देश में हुए वर्ल्ड कप का एक मैच भी ग्रीनपार्क के हिस्से में नहीं आया।
ग्रीनपार्क की जगह लखनऊ के इकाना स्टेडियम में तीन मैच आयोजित कराए गए। कई अन्य स्टेडियम नए बने हैं। कहा गया कि ग्रीन पार्क का इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा व खूबसूरत नहीं है। आधुनिकता का दौर है, आईसीसी अच्छे स्टेडियम चुनता है। ग्रीन पार्क स्टेडियम सुविधाओं की कसौटी पर फेल हो गया।

ग्रीनपार्क स्टेडियम को विश्व कप के मैच नहीं मिलने के पीछे यहां कम दर्शक क्षमता के साथ शहर में फाइव स्टार होटल और फ्लाइट की कनेक्टिविटी नहीं होना भी सामने आया। हालांकि 2023 में यूपीपीसीएल का प्रथम आयोजन ग्रीनपार्क में हुआ। रणजी मैच भी ग्रीन पार्क को मिला। लेकिन इसके बावजूद ग्रीनपार्क की हालत खराब होती जा रही है।
ग्रीन पार्क स्टेडियम की पिच बहुत अच्छी है। यहां कई रिकार्ड बन चुके हैं, लेकिन मैच न मिलने के पीछे दर्शक क्षमता, टीमों के साथ विदेशी मेहमानों के ठहरने की सुविधाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर को भी देखा जाता है। इस मामले में कानपुर से अच्छा ऑप्शन आईसीसी और बीसीसीआई को लखनऊ मिल गया है।- अमित पाल, उप क्रीड़ाधिकारी, ग्रीन पार्क स्टेडियम।
ग्रीनपार्क में पहले सभी सुविधाएं थीं, खिलाड़ियों का यहां अभ्यास के लिए उत्साह सातवें आसमान पर रहता था लेकिन अब सब बेकार होता जा रहा है।- शशांक सिसोदिया
ग्रीनपार्क में अब बहुत कम खिलाड़ी अभ्यास के लिए जाते हैं। कई खेलों के कोच भी नहीं हैं। कोरोना के बाद स्थिति और खराब होती जा रही है कोई ध्यान नहीं दे रहा है।- अभय यादव
खेल सुविधाएं और मैदान की स्थिति ठीक नहीं है। खिलाड़ियों का रुझान छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय और प्राइवेट ट्रेनरों की ओर है।- वैभव तिवारी
ग्रीनपार्क की वर्षों से लिफ्ट खराब पड़ी है दर्शक दीर्घा जर्जर अवस्था में है। यही हाल रहा तो नेशनल क्रिकेट के मैच भी यहां मुश्किल होंगे।- ऋषभ चौधरी
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