कौशांबी: तहसीलदार का पैर पकडकर गिड़गिड़ाती रही महिला, नहीं पसीजा दिल, मकान पर चलवा दिया बुलडोजर

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Published By Sachin Sharma
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कौशांबी। ठंड हो या बरसात, पक्षियों के घोंसलों को भी नहीं तोड़ा जाता है। दिव्यांग दंपति गिड़गिड़ाता रहा, साहब सुन लीजिए, रहम करिये ठंड बहुत है कहां जाएं। लेकिन बेरहम अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा और बेरहम अधिकारियों ने दिव्यांग दंपत्ति के मकान पर बुलडोजर चला दिया।

पूरा मामला सिराथू तहसील के नगर पंचायत कड़ा का है। कौन कहता है गरीबों के भी हाकिम होते है। तहसीलदार का पैर पकड़ बिलखती महिला की कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि सूबे के मुखिया डिप्टी सीएम केशव प्रसाद का गृह जनपद होने के बावजूद अधिकारियों में भय नहीं रहा। गरीब दिब्यांग बेसहारा रामसिंह मौर्य की पत्नी नायब तहसीलदार संजय कुमार का पैर पकड़ चीखती चिल्लाती रहम की भीख मांगती रही। मगर साहब का दिल नहीं पसीजा। 

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कड़कड़ाती ठंड में सरकार गरीबों को लेकर संजीदा है। वो हर मुमकिन कोशिश में जुटी है। जिससे इस कड़कड़ाती ठंड में कठिनाइयों से जीवन बसर न करने पड़े। वहीं सिराथू तहसील के रहने वाले दिव्यांग दंपत्ति रामसिंह मौर्या के मकान को जेसीबी से उसके सामने जमींदोज कर दिया।

पीड़ित का आरोप शुक्रवार की दोपहर जिला पंचायत कर्मचारी संघ पहुंचे नायब तहसीलदार संजय ने बिना अग्रिम नोटिस दिए भीषण ठंड में बुलडोजर से दिव्यांग गरीब का आशियाना ढहा दिया। मालूम हो जिला पंचायत की खाली पड़ी भूमि पर दिव्यांग ने विगत 25 साल से बने मकान में रह रहा था। मकान देखने के बाद ही उसकी गरीबी का अंदाजा लगाया जा सकता है कि, 25 सालों में ईंट की केवल दीवार ही उठ सकी थी। उसके आशियाने में पक्की छत भी नही थी। टीन शेड डालकर किसी तरह परिवार के साथ गुजर बसर कर रहा था। शुक्रवार को पहुंची टीम ने नायब तहसीलदार के साथ पहुंचकर दिव्यांग के आशियाने पर बुल्डोजर चलवा दिया। 

जिला पंचायत की जमीन थी। जिस पर इनका वर्षों से कब्जा था। जिला पंचायत के पत्र पर डीएम के आदेश पर इसे खाली कराया गया है।

                                                                                                  संजय सिंह, नायब तहसीलदार, सिराथू

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