Kanpur: बारिश से आलू में पिछेती झुलसा की आशंका, सीएसए ने जारी की एडवाइजरी, इस तरह करें बचाव...
कानपुर में बारिश से आलू में पिछेती झुलसा बीमारी होने की आशंका बढ़ गई है।
कानपुर में ठंड के साथ हो रही बारिश ने आलू की फसल पर पिछेती झुलसा बीमारी होने की आशंका को बढ़ा दिया है। सीएसए ने इस बीमारी से बचाव के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
कानपुर, अमृत विचार। ठंड के साथ हो रही बारिश ने आलू की फसल पर पिछेती झुलसा बीमारी की आशंका को बढ़ा दिया है। सीएसए ने इस बीमारी से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के पादप रोग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एसके विश्वास ने बताया कि बीते कुछ दिनों से मौसम में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। पूरे दिन बादलों का बना रहना, धूप न आना, तापमान में गिरावट व कोहरे के साथ-साथ हल्की बारिश होना आलू में लगने वाले पिछेती झुलसा के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं। इस मौसम के कारण इस बीमारी की आशंका बढ़ गई है।
डा. विश्वास ने बताया कि ऐसे में मृदा एवं पौधों की पत्तियां गीली हो जाती हैं जिससे पिछेती झुलसा का कारक कवक (फाइटोप्थोरा इन्फेस्टेंस) उगने लगते हैं और पौधों को संक्रमित करते हैं।
अगर यही स्थिति 3 से 4 दिनों तक और बनी रही तो पूरे खेत में यह संक्रमण बहुत जल्दी फैल जाता है। यह फसल को नष्ट कर देता है। उन्होंने बताया कि पत्तियों का सिरे से अंदर की तरफ झुलसना इस रोग का प्रमुख लक्षण है। इस रोग से बचाव के लिए इक्वेशन प्रो ( फैमोक्साडोन 16.6 प्रतिशत के साथ साइमोक्सलिन 21.1 प्रतिशत एस सी) एक मिलीलीटर प्रति लीटर पानी या इक्रोबैट (डाईमैथोमार्क 50 प्रतिशत डब्ल्यू पी) और (मैंकोजेब का 0.3 प्रतिशत) 3 किलोग्राम दवा 1000 लीटर लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने से आलू फसल को झुलसा रोग से बचाया जा सकता है।
