अयोध्या: राम मंदिर के शिखर पर लगने के लिए अहमदाबाद से आया 44 फीट लंबा ध्वज दंड, जानें क्या है विशेषता

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Published By Sachin Sharma
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अयोध्या। राम मंदिर के शिखर पर लगने वाला पीतल बना ध्वज दंड सोमवार को अहमदाबाद से अयोध्या पहुंच गया। यह ध्वज दंड राम मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर लगाया जाएगा। 44 फीट का ध्वज दंड जमीन से 220 फीट ऊंचाई पर लहराएगा। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री ध्वज दंड में धर्म ध्वजा लगाएंगे। 

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अनुमति के साथ एलएंडटी ने इस ध्वज दंड का निर्माण कराया है। इस ध्वज दंड को अहमदाबाद की अंबिका इंजीनियरिंग कंपनी ने नौ महीने में तैयार किया है। पांच जनवरी को गुजरात के मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद से हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था। इस ध्वज को तैयार करने वाले कारीगर शैलेश भाई पांचाल ने बताया कि यह ध्वज में राम मंदिर के शिखर पर लगाने के लिए बनाया गया है। 

इसका वजन 5.5 टन है। इसे 45 कारीगरों ने नौ माह में तैयार किया है। इसके साथ ही परकोटे में बनने वाले छह मंदिरों पर 20 फीट ध्वज दंड लगाए जाएंगे।

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अयोध्या। दिग्विजयी सम्राट राजा दशरथ की जन्म-जन्मांतर से अधूरी इच्छा रामलला की किलकारियों से कुछ इस तरह पूरी हुई कि न केवल अवधपुरी, बल्कि 14 भुवन समेत समूचा ब्रह्मांड भी मंगलगान से गुंजायमान हो उठा, जिस प्रकार वर्षों से बंजर रही भूमि को वर्षा के जल ने सींचा हो, उसी कृतज्ञता के भाव के साथ राजा दशरथ ने गुरु श्रेष्ठ, प्रजाजन, सेवक-सेविकाओं, नाऊ और दाई के लिए हर्षित मन से नाना रत्न अलंकार से शोभित भेंट देने का निश्चय किया। 

अब संकट सामने यह था रघुकुल की परंपरा है 'प्राण जाय पर वचन न जाए' मगर प्रभु के प्राकट्य से आह्लादित जनमानस राजा की भिक्षा नहीं, अपने इष्ट के दीदार मात्र की मंशा रखता था। संकट ये उत्पन्न हुआ कि वचन के मुताबिक निकाली गई नेग भला कौन ले, दुविधा की इस घड़ी में आज समाज का सबसे वंचित वर्ग अपने प्रिय राजा के वचनों का मान रखने सामने आता है। 

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