राष्ट्रहित में विपक्षी दलों को बदलना होगा रवैया : कौशल किशोर

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। अयोध्या में प्रस्तावित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हो या फिर देश को विकसित व आत्म निर्भर बनाने का अभियान। देश में विपक्षी दल के नेता इस पर राजनीतिक नौटंकी कर रहे हैं। उन्हें देश के लोगों के हित से कोई लेना-देना नहीं है। विपक्षी दलों ने ‘इंडिया’ गठबंधन भले ही बना लिया हो, पर गठबंधन के नेताओं में आपसी एकता नहीं है। हर नेता प्रधानमंत्री बनना चाहता है। अगर देश को आगे ले जाना है तो विपक्षी दलों को अपना रवैया बदलना होगा। प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि देश में केवल गरीब, महिला, युवा व किसान सिर्फ चार जातियां हैं। हमें इनके विकास के लिए काम करना होगा। यह कहना है आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री व मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर का। अमृत विचार के वरिष्ठ संवाददाता रमेश चन्द्रसंवाददाता वीरेंद्र पांडेय ने उनसे कई मुद्दों पर बातचीत की। पेश है बातचीत के मुख्य अंश...

सवाल: डॉ. भीमराव आंबेडकर को अपना आदर्श मानने वाले अनुसूचित वर्ग को प्रभावशाली नेतृत्व क्यों नहीं मिल पा रहा है।

जवाब: डॉ.आंबेडकर एक वर्ग के नेता नहीं थे, उन्होंने दलितों-पिछड़ों को अधिकार दिलाया, पर उन्होंने हमेशा सर्वसमाज की बात की, उन्होंने दुनिया को एक राह दिखाई, इसलिए अनुसूचित वर्ग के लोगों को सर्वसमाज को लेकर काम करना होगा। कुछ लोग केवल जातियों की बात करते हैं, वे डॉ. आंबेडकर के कद को छोटा करने का काम करते हैं। अनुसूचित जाति के नेताओं को सबका लीडर बनना होगा, तभी सभी लोग उनके साथ खड़े होंगे।

सवाल: विपक्षी दल जातिगत जनगणना की बात करते हैं, इस पर आपकी क्या राय है।

जवाब: विपक्षी दल लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। वर्तमान में जो जनगणना होती है, उसमें जातियों का उल्लेख होता है, महिला, पुरुष, थर्ड जेंडर, सभी की जनगणना होती है। अगर जनगणना नहीं हुई तो अनुसूचित व पिछड़े वर्ग को आरक्षण कैसे दिया गया है। विपक्षी दल के लोग उपजाति की गणना की बात करते हैं। जनगणना में यह भी गणना होती है, पर इसको प्रदर्शित नहीं किया जाता है। जो लोग इस तरह की बात कर रहे हैं, वे विकसित भारत के अभियान को कमजोर करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि गरीब, महिला, युवा व किसान सिर्फ चार जातियां हैं। हमें इनके विकास के लिए काम करना होगा।

सवाल: आप शुरू से संघर्षशील नेता रहे हैं, संघर्ष की प्रेरणा आपको कहां से मिली।

जवाब: हमारे गांव में ही कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे, वे गरीबों के उत्थान को लेकर नारेबाजी करते रहते थे। मुझे यह अच्छा लगा। मेरे क्षेत्र में भी सामंतशाही व गुंडागर्दी का राज था, मैं उसके खिलाफ लड़ा और राजनीति में आया। मोहनलालगंज क्षेत्र से विधानसभा चुनाव में कई बार हारा, पर वर्ष 2002 में जनता ने मुझे जिताने का काम किया।

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दुबग्गा स्थित अपने आवास पर फरियादियों की समस्याएं सुनते केन्द्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर


सवाल: आपने राजनीति की शुरुआत कम्युनिस्ट पार्टी से की, बाद में सपा में गए और अब भाजपा में हैं, आखिर दलों को बदलने की जरूरत क्यों पड़ी।

जवाब: देखिये, जो कम्युनिस्टों का लक्ष्य था, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रहण करने का काम किया है। प्रधानमंत्री ने गारंटी ली है कि कोई भी गरीब भूखा नहीं रहेगा। उन्होंने सबके लिए इलाज व अन्य जरूरी सुविधाओं की गारंटी ली है। गरीबों को आवास दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कम्युनिस्टों के उद्देश्यों को आत्मसात करके जमीन पर उतारने का काम किया है। कम्युनिस्टों को चाहिए कि वे अब भारतीय जनता पार्टी ‘ज्वाइन’ कर लें।

सवाल: लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन बना है, इसका मुकाबला कैसे करेंगे।

जवाब: इस गठबंधन का कोई मतलब नहीं है। ये सब आपस में ही लड़ते रहते हैं। गठबंधन में शामिल जितने नेता हैं, वे प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, इसीलिए उनमें आपसी टकराव होता रहता है। 

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अपने आवास पर लोगों की समस्याएं सुनतीं मलिहाबाद की विधायक व केन्द्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी, छायाकार- राजकुमार वाजपेयी


सवाल: आप मोहनलालगंज क्षेत्र से दो बार से सांसद हैं, वर्तमान में राज्यमंत्री भी। अब तक का सबसे उल्लेखनीय कार्य जो आपने कराया हो।

जवाब: मैं अपने कार्य से संतुष्ट हूं। जनता के द्वारा चुना गया हूं, हमेशा उन्हीं के लिए कार्य करता हूं। 24 घंटे उनके लिए उपलब्ध रहता हूं। सबसे जरूरी बात यह है कि मैं सबसे आसानी से मिलता हूं। लखनऊ से हरदोई व शाहजहांपुर तक नेशनल हाईवे पास कराया, यह हमारे क्षेत्र में बन रहा है। मलिहाबाद क्षेत्र में टेक्सटाइल का बड़ा हब बनने जा रहा है। लखनऊ के चारों ओर शहीद पथ बन रहा है, इसमें लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह की भूमिका है। प्रत्येक गांव को शहर व सड़क से जोड़ने का काम कर रहे हैं।


सवाल: ऐसे वे कौन से काम हैं, जो आप कराना चाह रहे थे, पर अभी तक नहीं हो पाया।

जवाब: कुछ स्कूलों के मामले हैं, उनको बनाने का प्रयास कर रहा हूं। खेल के मैदान बनने हैं। मैं चाहता हूं कि आने वाले समय में हर गांव में एक खेल का मैदान हो। सभी लोग खेल के मैदान से जुड़ें, इसीलिए मैंने नारा दिया है-‘खेल चला गांव की ओर, गांव चला ओलंपिक की ओर’। इसके लिए मैं लगातार काम कर रहा हूं।

सवाल: आप नशा मुक्ति अभियान चला रहे हैं, इसके लिए विचार कैसे आया।

जवाब: प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त वर्ष 2020 को लालकिले से कहा था कि देश के युवाओं को नशे से दूर रखने की जरूरत है। गृह मंत्री ने कहा है कि 2047 तक नशामुक्त भारत बनेगा। मेरे पुत्र आकाश किशोर की मौत नशे के कारण हो गई थी। चिता में आग लगाते समय मैंने निर्णय लिया कि नशे के खिलाफ अभियान चलाऊंगा, ताकि कोई और महिला विधवा न हो, कोई और पुत्र बगैर पिता का न होने पाए।

सवाल: आप अपना राजनीतिक प्रतिद्वंदी किसे मानते हैं।

जवाब: मेरा कोई राजनीतिक प्रतिद्वंदी नहीं है। मैं लगातार काम करता हूं। मैं प्रतिद्वंदिता पर विश्वास नहीं करता।


सवाल: भाजपा परिवारवाद का विरोध करती है, आपकी पत्नी भी विधायक हैं, इस पर क्या कहेंगे।

जवाब: अगर एक घर के चार लोग पार्टी में काम कर रहे हैं, तो वे पार्टी के कार्यकर्ता हैं। रिश्ता अलग चीज है, पार्टी में काम करना अलग बात है। मेरी पत्नी मुझसे ज्यादा काम करती हैं।

सवाल: आप अपना मार्गदर्शक किसे मानते हैं।

जवाब: जिन्होंने देश की आजादी में अपनी आहूति दी, चाहे चन्द्रशेखर आजाद हों, भगत सिंह हों, अशफाक उल्ला खां हों, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्र प्रसाद लाहिड़ी हों, सुभाष चन्द्र बोस हों, आवंतीबाई लोधी, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारीबाई कोरी, बेगम हजरत महल, ऊदा देवी पासी या आहिलाबाई होल्कर या फिर कोई और। सभी को अपना मार्गदर्शक मानता हूं, विवेकानंद को भी आदर्श मानता हूं। पर वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना आदर्श मानता हूं। उनके बताए हुए रास्ते पर तन, मन व धन से कार्य कर रहा हूं।

सवाल: मैराथन दौड़ का आयोजन कराते हैं, इसको लेकर आपके मन में विचार कहां से आया।

जवाब: मैराथन से लोग व्यसन से दूर रहेंगे, बीमारी से दूर रहेंगे। इस कारण आयोजन कराता हूं।

सवाल: विपक्ष का आरोप है कि धार्मिक स्थलों का राजनीतिकरण किया जा रहा है, इस पर आपका क्या कहना है।

जवाब: विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन अयोध्या न आएं, बल्कि रामराज स्थापित करने के लिए अपने घर में एक दीपक जलाकर दीवाली मनाएं। यानी रामराज के जरिये सबको रोटी, कपड़ा, मकान, रोजी उपलब्ध हो सके। विपक्ष कार्यक्रम के लिए आमंत्रण मांग रहा है। राम एक आस्था हैं, इसके लिए आमंत्रण की क्या जरूरत। उन्हें अयोध्या अपने आप जाना चाहिए। विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी से नफरत करता है, इसलिए इस तरह की बयानबाजी कर रहा है। विपक्ष केवल नौटंकी कर रहा।

सवाल: नई पीढ़ी के लिए कोई संदेश देना चाहेंगे।
जवाब: युवा पीढ़ी अपने को नशे या किसी भी तरह के व्यसन से दूर रखें। खुद को शिक्षित बनाएं। विकसित व आत्म निर्भर भारत बनाने के लिए प्रधानमंत्री के साथ खड़े होने का कार्य करें।

साक्षात्कार

कौशल किशोर-केन्द्रीय राज्य मंत्री, आवासन एवं शहरी कार्य

सांसद के बारे में

निवासी: दुबग्गा के बेगरिया खेड़ा गांव
माता-पिता: स्वर्गीय कल्लू प्रसाद व स्वर्गीय पार्वती देवी
शिक्षा : काली चरण इंटर कॉलेज लखनऊ में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद किशोर ने शिया डिग्री कॉलेज में स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया, लेकिन पारिवारिक बीमारी, मजदूरों और किसानों के मुद्दों में शामिल होने के कारण आगे नहीं बढ़ सके।

राजनीतिक कॅरियर

2002 में मलिहाबाद निर्वाचन क्षेत्र से विधायक। 
2002-2003 में मुलायम सिंह सरकार में राज्यमंत्री भी बने। 
वर्ष 2014 में पहली बार व 2019 में दोबारा मोहनलालगंज क्षेत्र से हैं सांसद।

पारिवारिक स्थित 

=पत्नी जयदेवी-दो बार से मलिहाबाद क्षेत्र से विधायक
=बड़े पुत्र-प्रभात किशोर
=मझले पुत्र-आकाश किशोर की 2020 में नशे के कारण मृत्यु।
=सबसे छोटे पुत्र-विकास किशोर

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